नई दिल्ली। ओपी जिंदल समूह की कंपनी जिंदल डिफेंस ने भारत में लघु अस्त्र निर्माण क्षेत्र में प्रवेश की घोषणा करते हुए ब्राज़ील की कंपनी टॉरस अरमास एस. ए. के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित इंडिया-ब्राज़ील बिज़नेस फोरम (आईबीबीएफ) की पहली ब्राज़ील-भारत रक्षा उद्योग वार्ता के दौरान किए गए।
जिंदल डिफेंस की यह पहल भारत-ब्राज़ील के बीच रणनीतिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने की ओर एक कदम है। इस समझौते के तहत दोनों कंपनियों; जिंदल डिफेंस और टॉरस अरमास एस. ए. की 51:49 की इक्विटी अनुपात की भागीदारी से हरियाणा स्थित हिसार में एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना की जाएगी। यह कंपनी टॉरस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के आधार पर भारत में लघु अस्त्रों का निर्माण करेगी ताकि रक्षा खरीद प्रक्रियाओं (डिफेन्स प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर्स) के मुताबिक उत्पादन के स्थानीकरण का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
जिंदल डिफेंस के प्रवर्तक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि टॉरस अरमास एस. ए. के साथ हमारा गठजोड़ भारतीय रणनीतिक लघु अस्त्र निर्माण को आत्म-निर्भर बनाने में सहयोगी होगा और साथ ही प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के लक्ष्य को और सशक्त करेगा। इस संयुक्त उपक्रम का उद्देश्य सर्वश्रेष्ठ निर्माण व्यवहार का अनुपालन करते हुए विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है, जिससे डिज़ाइन एवं अभियांत्रिकी के साथ उच्चतम गुणवत्ता भी हासिल की जा सके।
इस भागीदारी का लक्ष्य लघु अस्त्र निर्माण क्षेत्र में मौजूदा घरेलू क्षमता का अधिकतम लाभ उठाना और सशस्त्र बल, विशेष तौर पर भारतीय सेना, अर्ध-सैनिक बल और राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की मौजूदा और भावी योजनाओं में सहायक बनना है। इसके अलावा यह पहल सरकार के रक्षा उपकरण विनिर्माण में निजी कंपनियों की बेहतर भागीदारी के लक्ष्य के अनुरूप है।
जिंदल डिफेंस रक्षा और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों के उत्पादों का विनिर्माण करती है। लगभग 25 अरब अमेरिकी डॉलर के वैश्विक कारोबार के साथ ओ पी जिंदल समूह स्टील विनिर्माण से लेकर खनन, बिजली, औद्योगिकी गैस, बंदरगाह और रक्षा क्षेत्रों में मौजूद है। कुशल परियोजना प्रबंधन के साथ, समूह वैश्विक स्तर पर विभिन्न विनिर्माण क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कार्यरत है।