नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश कोर्ट से झटका लगा है। नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर लंदन की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी को भारत भेजने पर अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने के बाद भारत में न्याय पाने का अधिकार है। साथ ही ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव मोदी की उस दलील को भी ठुकरा दिया जिसमें नीरव मोदी ने आर्थर रोड जेल को असुरक्षित बताया था। कोर्ट ने कहा कि मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 नीरव मोदी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
अदालत ने कहा कि नीरव के खिलाफ भारत में एक मामला है जिसका उसे जवाब देना है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची। यूके की कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण करने के फैसले को अपनी मंजूरी दे दी है। नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। उसने यह घोटाला अपने मामा मेहुल चौकसे के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया था।
उल्लेखनीय है कि मेहुल चौकसी भी इस समय देश छोड़कर भाग गया है। नीरव के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ होने के बाद अब ब्रिटेन में देश छोड़कर रह रहे शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में भी ऐसी उम्मीद जाग गई है।
फैसले के बाद उस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा। नीरव को प्रर्त्यपण वारंट के संबंध में 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था। नीरव मोदी पर दो केस चल रहे हैं, इनमें से एक पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी का मामला सीबीआइ और दूसरा मनी लांड्रिंग का मामला ईडी देख रही है।
यूके के जज ने कहा कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था की जाए। ब्रिटेन के न्यायाधीश ने नीरव मोदी के बचाव के दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके खिलाफ मामले को प्रभावित करने की कोशिश की। नीरव मोदी इस समय लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए अदालत में मामला चल रहा है।
नीरव के पास है हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प
ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के पास भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण समझौता के तहत नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार है। ऐसा करने के लिए उनके पास दो माह का वक्त है। नीरव मोदी के पास 14 दिन का वक्त है, जिसके भीतर वह हाईकोर्ट जा सकता है और ग्रृह मंत्री के फैसले के बाद अपील करने की अनुमति मांग सकता है। ऐसी किसी भी अपील पर, यदि मंजूरी मिलती है, लंदन की हाईकोर्ट में एडमिनिस्ट्रेटिव डिविजन द्वारा सुनवाई की जाएगी।
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