Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Amazon और Flipkart पर बदलेगा शॉपिंग का अंदाज, क्रेडिट कार्ड की जगह टोकन से कर सकेंगे पेमेंट

Amazon और Flipkart पर बदलेगा शॉपिंग का अंदाज, क्रेडिट कार्ड की जगह टोकन से कर सकेंगे पेमेंट

आरबीआई ने कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन को अनुमति प्रदान की है। इसके तहत ग्राहक अपने बैंक से ऑनलाइन पर्चेजिंग के लिए कार्ड विवरण के स्थान पर टोकन जारी करने के लिए कह सकते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : September 08, 2021 14:46 IST
Amazon और Flipkart पर बदलेगा...- India TV Paisa
Photo:FILE

Amazon और Flipkart पर बदलेगा शॉपिंग का अंदाज, क्रेडिट कार्ड की जगह टोकन से कर सकेंगे पेमेंट 

देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ ही फ्रॉड और धोखेबाजी की घटनाओं में भी तेजी आई है। ईकॉमर्स वेबसाइट पर खरीदारी के समय कार्ड से पेमेंट करते हुए हमेशा यूजर्स के मन में फ्रॉड का डर रहता है। लेकिन अब आप बिना क्रेडिट कार्ड की डिटेल फीड किए टोकन की मदद से पेमेंट कर सकेंगे। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी 2022 डाटज्ञ सिक्योरिटी का नियम लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत ऑनलाइन कंपनी ग्राहक की कार्ड डिटेल ​स्टोर नहीं कर सकेंगे। ऐसे में ईकॉमर्स साइट से खरीदारी में पेमेंट करते वक्त हर बार 16 डिजिट कार्ड नंबर डालना पड़ सकता है। 

लेकिन अब तकनीक ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। आरबीआई ने कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन को अनुमति प्रदान की है। इसके तहत ग्राहक अपने बैंक से ऑनलाइन पर्चेजिंग के लिए कार्ड विवरण के स्थान पर टोकन जारी करने के लिए कह सकते हैं। आप टोकन डिटेल फीड कर ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, यहां आपको कार्ड नंबर, सीवीवी और ओटीपी की जरूरत नहीं होगी। 

​कैसे मिलेगा टोकन 

आरबीआई द्वारा इले​क्ट्रॉनिक डिवाइस के टोकनाइजेशन की अनुमति दी है। इसके तहत ग्राहक बैंक से अपनी डिवाइस जैसे मोबाइल या घड़ी के लिए टोकन प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद कार्ड जारी करने वाला बैंक, डिवाइस पर ऐप्लिकेशन को एक टोकन प्रदान करेगा जो ग्राहक के कार्ड नंबर से जुड़ा होता है। इसके बाद जब भी ग्राहक फोन या घड़ी का उपयोग करके टैप-टू-पे के लिए करेगा, टोकन नंबर बैंक के पास पहुंचेगा। इसके बाद बैंक डिवाइस और टोकन को पहचानने के बाद लेनदेन को मंजूरी देगा। 

धोखेबाजी का नहीं है खतरा

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सिस्टम काफी हद तक फ्रॉड प्रूफ है। यदि धोखेबाज को टोकन की जानकारी मिल भी जाती है फिर भी वह इसका गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता। क्योंकि इस ट्रांजेक्शन के लिए रजिस्टर्ड डिवाइस से टोकन रिक्वेस्ट आनी जरूरी है। इसके अलावा, टोकनाइजेशन के लिए अभी भी टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता होगी। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement