Wednesday, April 17, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. वाहन चलाना हुआ और महंगा, हरित कर में कई गुना बढ़ोत्तरी

वाहन चलाना हुआ और महंगा, हरित कर में कई गुना बढ़ोत्तरी

दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है लेकिन नया कानून बनने के बाद आंध्र प्रदेश उसके बाद दूसरे स्थान पर आ गया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 25, 2021 11:37 IST
वाहन चलाना हुआ और मुश्किल, हरित कर में कई गुना बढ़ोत्तरी- India TV Paisa
Photo:PTI

वाहन चलाना हुआ और मुश्किल, हरित कर में कई गुना बढ़ोत्तरी

Highlights

  • मोटर वाहनों पर कर बढ़ाने संबंधी आंध्र प्रदेश मोटर वाहन कराधान संशोधन विधेयक 2021 को बुधवार को मंजूरी।
  • नया कानून लागू होने से राज्य सरकार को सालाना 409.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद।
  • नए कानून में पुराने मोटर वाहनों पर लगने वाले हरित कर में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई है।

अमरावती: आंध्र प्रदेश विधानसभा ने ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए मोटर वाहनों पर कर बढ़ाने संबंधी आंध्र प्रदेश मोटर वाहन कराधान संशोधन विधेयक 2021 को बुधवार को मंजूरी दे दी। नया कानून लागू होने से राज्य सरकार को सालाना 409.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। नए कानून में पुराने मोटर वाहनों पर लगने वाले हरित कर में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई है। दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है लेकिन नया कानून बनने के बाद आंध्र प्रदेश उसके बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। 

परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने यह विधेयक विधानसभा के अनुमोदन के लिए रखते हुए कहा कि वाहनों पर लागू कर की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए यह बदलाव किए गए हैं। आंध्र प्रदेश में वाहनों पर हरित कर की दर इससे पहले 2006 में संशोधित हुई थी। नई कर दरों के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुरानी मोटरसाइकिल पर 2,000 रुपये का हरित कर देना होगा जबकि 20 साल से ज्यादा पुरानी होने पर यह राशि बढ़कर 5,000 रुपये हो जाएगी। अन्य वाहन श्रेणियों के मामले में 15 साल पुरानी गाड़ियों पर 5,000 रुपये और 20 साल पुरानी गाड़ियों पर 10,000 रुपये का हरित कर देना होगा।

पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ियां खरीदने पर और कर प्रोत्साहन देने की योजना: नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि सरकार हाल में पेश राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदी जाने वाली नई गाड़ियों पर कर संबंधित और रियायतें देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। गडकरी ने यह भी कहा कि नई कबाड़ नीति से प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने मारुति सुजुकी तोयोत्सु के कबाड़ और पुनर्चक्रण सुविधा केंद्र का उद्घाटन करते यह बात कही। यह सरकार से मंजूरी प्राप्त इस प्रकार का पहला केंद्र है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा था, ‘‘कबाड़ नीति से केंद्र और राज्यों दोनों का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़ेगा मैं वित्त मंत्रालय से इस पर चर्चा करूंगा कि नई नीति के तहत किस प्रकार कर संबंधित और रियायतें दी जा सकती हैं।’’ 

नई नीति के तहत केंद्र ने कहा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ी लेने पर पथकर पर 25 प्रतिशत तक छूट देंगे। गडकरी ने कहा कि वह जीएसटी परिषद से भी इस बात की संभावना टटोलने का आग्रह कर रहे हैं कि नई नीति के तहत क्या और प्रोत्साहन दिये जा सकते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद करेगी।’’ मंत्री ने कहा था कि कबाड़ नीति से सभी पक्षों को लाभ होगा क्योंकि इससे विनिर्माण को गति मिलेगी, नौकरियां सृजित होंगी और केंद्र तथा राज्यों दोनों को जीएसटी मद में 40,000-40,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त होगा। 

उन्होंने कहा कि कबाड़ नीति प्रदूषण पर लगाम लगाने और रोजगार सृजित करने लिहाज से महत्वपूर्ण है। गडकरी ने कहा था, ‘‘पुरानी गाड़ियां नये वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। अत: उन्हें हटाने की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि कबाड़ नीति से बिक्री 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘कबाड़ नीति अर्थव्यवस्था के लिये भी महत्वपूर्ण है। हमें कच्चा माल कम लागत पर मिल सकेगा। इससे उत्पादन लागत में कमी आ सकती है।’’ गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र देश के हर जिले में कम-से-कम 3-4 वाहन पुनर्चक्रण या कबाड़ केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। 

उन्होंने कहा था, ‘‘अगले दो-तीन साल में 200-300 कबाड़ केंद्र होंगे।’’ गडकरी ने यह भी कहा कि वाहन क्षेत्र का सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है और उनका लक्ष्य इसे पांच साल में बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये करने का है। मंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। मुझे भरोसा है कि कबाड़ नीति इसमें मददगार होगी।’’ इस मौके पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा, ‘‘कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों के ‘फिटनेस’ की जांच की जाए। हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है।’’

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement