इस नए प्लेटफॉर्म के आने से प्राइवेट कैब सर्विस देने वाली कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इसमें ड्राइवरों को किसी भी तरह का कोई कमीशन नहीं देना होगा।
अभी तक मोबाइल ऐप आधारित ऑनलाइन कैब सर्विस देने वाली कंपनियां ग्राहकों को एसी या नॉन-एसी कैब चुनने के लिए ऑप्शन नहीं देती थीं।
दूसरी लग्जरी वस्तुओं पर मुआवजा सेस 22 सितंबर को खत्म हो गया था, जब जीएसटी दरों को सरल बनाते हुए केवल दो स्लैब 5 और 18 प्रतिशत तय किए गए थे, जबकि अल्ट्रा-लग्जरी वस्तुओं, एरेरेटेड ड्रिंक्स और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर 40 प्रतिशत GST दर तय की गई थी।
मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि वृद्धि को घरेलू मांग और निर्यात में विविधीकरण, साथ ही आसान मौद्रिक नीति का समर्थन मिलेगा। सरकार ने हाल ही में 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम की हैं।
इनकम टैक्स के तहत कुछ खास निवेश विकल्प हैं जिन्हें आपको दिसंबर खत्म होने से पहले ही अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेना चाहिए। इससे आपके टैक्स बचत हो सकेगी।
चालान-कम-स्टेटमेंट दाखिल करने से लेकर लाइफ सर्टिफिकेट और अन्य वित्तीय काम-काज को समय रहते ही पूरा कर लें। इससे आपको ही सुविधा होगी।
बीते कुछ सालों में, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में काफी तेज बढ़ोतरी हुई है। खास बात ये है कि इनमें छोटे निवेशकों और महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है।
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, जिसमें पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स शामिल हैं, चालू वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपये रहा।
मुंबई की एक महिला ने आयकर विभाग से मिली बड़ी चुनौती को अपनी समझदारी और सबूतों की ताकत से पलट दिया। मामला था 51 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने का, जिसके बाद उन्हें अघोषित निवेश के आरोप में टैक्स नोटिस थमा दिया गया।
1 अप्रैल से 12 अक्टूबर के दौरान नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन और सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जीएसटी सुधार के तहत सरकार ने अब चार की जगह सिर्फ दो जीएसटी स्लैब- 5% और 18% रखा है। 12% की दर को हटाने से कई मध्यम श्रेणी के उत्पाद सस्ते हो गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस तिथि को आगे बढ़ाते हुए आईटीआर फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। इससे ऐसे लोग जो 15 सितंबर को चूक गए थे, उन्हें एक मौका मिल गया है।
आयकर रिटर्न फाइलिंग असेसमेंट ईयर 2025-26 की डेडलाइन 15 सितंबर है। अगर आपने ITR 2025 की अंतिम तिथि तक रिटर्न फाइल नहीं किया, तो न सिर्फ जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि आप कई अहम टैक्स लाभों से भी वंचित रह जाएंगे।
कई टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने सरकार से एक और एक्सटेंशन की मांग शुरू कर दी है। उन्होंने बढ़ते लॉगिन ट्रैफिक और तकनीकी दिक्कतों को इसकी वजह बताई है।
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख चूक जाते हैं, तो इसका सबसे पहला और सीधा असर आयकर की धारा 234F के तहत लगने वाले पेनाल्टी चार्ज के तौर पर फेस करना होता है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि उद्योग जगत की भी यह जिम्मेदारी है कि वे सरकार द्वारा दी गई कर राहत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।
आयकर विभाग ने 13 फरवरी 2025 से ही नए नियमों और फॉर्म्स पर काम शुरू कर दिया था। एक Rules & Forms कमेटी बनाई गई है, जो पुराने नियमों की समीक्षा और सुधार पर काम कर रही है।
चालू वित्त वर्ष में अभी तक देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 3.95% की गिरावट दर्ज की गई है। 1 अप्रैल से लेकर 11 अगस्त तक सरकार के खाते में डायरेक्ट टैक्स के रूप में कुल 6.64 लाख करोड़ रुपये आए हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कई संस्करणों के कारण भ्रम से बचने और सभी सुधारों को समाहित करने के लिए एक स्पष्ट और अपडेटेड विधेयक के तौर पर नया इनकम टैक्स बिल प्रस्तुत किया जाएगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 30 जुलाई 2025 को घोषणा करते हुए कहा कि करदाताओं कृपया ध्यान दें! ITR-3 फॉर्म अब ऑनलाइन फाइलिंग के लिए उपलब्ध है।
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