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दुनिया भर में छाया ओमीक्रोन का खौफ, जानिए कोरोना के इस नए रूप से क्यों सहमे हैं शेयर बाजार

शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट मिलने से दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह जा गिरे थे।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : November 29, 2021 15:56 IST
दुनिया भर के निवेशकों...- India TV Paisa
Photo:AP

दुनिया भर के निवेशकों पर छाया ओमीक्रोन का खौफ, जानिए कोरोना के इस नए रूप से क्यों सहमे हैं शेयर बाजार

Highlights

  • निवेशकों को एक और नए लॉकडाउन की चिंता सताने लगी है
  • नया वैरिएंट मिलने से दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह जा गिरे
  • ब्रिटेन और जापान जैसे देश पहले ही यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगा चुके हैं

ओमीक्रोन की दस्तक से भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में माहौल है। शुक्रवार को दुनिया भर के बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिली। वहीं सोमवार को भी बाजारों में कोरोना के नए और घातक वेरिएंट के डर दिखाई दिया। भारत में भी आज शुरुआती घंटों में बाजार में बिकवाली देखने को मिली। कई ​देश अपने यहां ट्रैवल बैन लगा चुके हैं। निवेशकों को एक और नए लॉकडाउन की चिंता सताने लगी है। 

शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट मिलने से दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह जा गिरे थे। दुनियाभर के देशों के लॉकडाउन के डर से शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों के लिये ब्लैक फ्राइडे साबित हुआ था। सेंसेक्स 1687 अंकों की गिरावट के साथ 57,107 और निफ्टी 510 अंकों की गिरावट के साथ 17,026 पर बंद हुआ था।

डेल्टा से भी घातक है ओमीक्रोन 

2020 की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना संकट दुनिया भर की कई अर्थव्यवस्थाओं की चूलें हिला चुका है। अप्रैल और मई में भारत में बड़ी तबाही मचाने के बाद जहां खौफ का लोगों को थोड़ी राहत मिली ही थी कि अब कोरोना नए रूप में सामने आ चुका है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से दुनिया भर में दहशत है। इसे पिछले डेल्टा वेरिएंट से 6 गुना ज्यादा घातक माना जा रहा है। 

दुनिया भर में लॉकडाउन का दौर

ब्रिटेन और जापान जैसे देश पहले ही यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगा चुके हैं जिसके साथ लॉकडाउन का नया दौर शुरू होने की आशंका बढ़ गयी है। जापान ने तो अपने यहां अगले आदेश तक सभी विदेशी नागरिकों की एंट्री पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है। जापान से पहले सिंगापुर ने भी ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए कड़ी पाबंदियों की घोषणा की है। सिंगापुर ने ओमीक्रोन के खतरे के मद्देनजर एहतियातन कदम उठाते हुए टीकाकरण करा चुके करत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूईए) के यात्रियों को पृथक-वास से दी जाने वाली छूट (वीटीएल) को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इजराइल ने विदेशी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। वहीं मोरक्को ने कहा है कि वह सोमवार से अगले दो सप्ताह तक आनेवाली सभी उड़ानों को निलंबित करेगा। हांगकांग से यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक कई जगहों के वैज्ञानिकों ने इस स्वरूप की मौजूदगी की पहचान की है।

बंदिशों के डर से शेयरों की पिटाई

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट मिलने की वजह से एयरलाइंस, होटल्स, ट्रैवल पोर्टल और मल्टीप्लेक्स जैसी कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है। इन कंपनियों में निवेशित निवेशकों को लगता है कोरोना के नए वैरिएंट का प्रकोप बढ़ा तो कई देशों में फिर से लॉकडाउन लग सकता है और भारत भी इससे अछूता नहीं रह सकता है जिसका सबसे बुरा असर एयरलाइंस होटल्स, ट्रैवल पोर्टल और मल्टीप्लेक्स स्टॉक्स पर पड़ेगा जो कोरोना के दोनों लहर में लगाये गये लॉकडाउन के सकंट से अबतक नहीं उबर पाये हैं। भारत ने 15 दिसंबर से 14 देशों को छोड़कर इंटरनेशनल फ्लाइट्स की इजाजत दे दी थी। लेकिन शनिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बैठक की थी, जिसमें उन्होंने इस फैसले की समीक्षा करने को कहा था।

सरकारों के सामने आर्थिक संकट 

कोरोना की वजह से भारत सहित दुनिया भर की सरकारों के बजट गड़बड़ा गए हैं। राहत पैकेज की घोषणा के चलते सरकारों के राजकोषीय घाटे आसमान छू रहे हैं। बीते साल और इस साल आई आपदा के दो दौर में कई सरकारों के खजाने खाली हो गए हैं। राज्यों की सरकारें कर्ज के ढेर पर बैठी हैं। ऐसे में यदि कोरोना की तीसरी लहर हाहाकार मचाती है तो राज्यों को कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन कहां से मिलेगा? इसे लेकर भी निवेशकों के बीच चिंता है।

महंगाई बढ़ने का खतरा 

निवेशकों को डर महंगाई को लेकर भी है। भारत में महंगाई डबल डिजि​ट में पहुंच चुकी है। कोरोना लॉकडाउन के चलते देश भर में सामान की आवाजाही पर भी असर पड़ा था। आपूर्ति में कमी के चलते आवश्यक से लेकर लक्जरी सामान की कमी होने से महंगाई भी बढ़ी। अब तीसरी लहर में एक बार फिर महंगाई का नया दौर सामने आ सकता है। कोरोना के कारण जहां चिप संकट से अभी भी आटोमोबाइल सहित मोबाइल फोन इंडस्ट्री जूझ रही है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में आए ओमीक्रोन संकट से वहां की हीरे की खदानों में काम बंद है। जिसके कच्चे हीरे की कीमतों में भी 10 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है।

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