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पीयूष गोयल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पदभार संभाला, इन चुनौतियों का करना होगा सामना

पीयूष गोयल ने शुक्रवार को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया।

India TV Business Desk Edited by: India TV Business Desk
Published on: May 31, 2019 18:05 IST
Piyush Goyal take charge of commerce and industry ministry- India TV Paisa
Photo:TWITTER

Piyush Goyal take charge of commerce and industry ministry

नयी दिल्ली। पीयूष गोयल ने शुक्रवार को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने ऐसे समय में यह पद संभाला है जब व्यापारिक मोर्चे पर वैश्विक स्तर पर संरक्षणवाद बढ़ रहा है और भारत का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है। गोयल ने कहा कि मुझमें विश्वास जताने और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।

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पीयूष गोयल को रेल मंत्री भी बनाया गया है। गोयल पूर्व वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुझे अपने वरिष्ठ साथी प्रभु जी से बहुत कुछ सीखना है। मैं उनका मार्गदर्शन और समर्थन लेना जारी रखूंगा। प्रभु ने गोयल में विश्वास जताया और कहा कि मंत्रालय के अधिकारी और टीम देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उनके साथ मिलकर काम करेंगी। देश के नए वाणिज्य मंत्री के समक्ष ऐसे समय में देश के निर्यात को आगे बढ़ाने की चुनौती होगी जब दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका एवं चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है और अन्य देश संरक्षणवादी कदम उठा रहे हैं। 

ये हैं चुनौतियां

वित्त वर्ष 2018-19 में देश का वस्तु निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 331 अरब डॉलर हो गया। लेकिन भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (foreign direct investment) के प्रवाह में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले छह साल में पहली बार कमी देखने को मिली। यह एक प्रतिशत की कमी के साथ 44.37 अरब डॉलर रह गया। इसके अलावा मंत्रालय कुछ नीतियों पर भी काम कर रहा है। इनमें नयी औद्योगिक नीति, नयी ई-वाणिज्य नीति, राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति और पांच साल के लिए विदेश व्यापार नीति शामिल हैं। इसके साथ ही नए मंत्री के पास मुक्त व्यापार समझौता क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) से जुड़ी बातचीत को निर्णायक स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत की स्थिति को और बेहतर बनाने एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों को नए सिरे से सक्रिय बनाने के लिए भी काम करना होगा। 

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