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पीएम मोदी का भगोड़े आर्थिक अपराधियों को संदेश; देश लौट आएं, कोई और चारा नहीं

मोदी ने कहा कि बैंकों को कारोबार क्षेत्रों के फलने-फूलने में मदद के लिए अब पुरानी संस्कृति का त्याग कर कर्ज की 'मंजूरी देने वाले' की सोच से खुद को अलग करना होगा।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 18, 2021 20:23 IST
पीएम मोदी का भगोड़े आर्थिक अपराधियों को संदेश; देश लौट आएं, कोई और चारा नहीं- India TV Paisa
Photo:PTI

पीएम मोदी का भगोड़े आर्थिक अपराधियों को संदेश; देश लौट आएं, कोई और चारा नहीं

Highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी का ‘हाई-प्रोफाइल’ भगोड़े आर्थिक अपराधियों को साफ संदेश।
  • भगोड़े आर्थिक अपराधियों के सामने देश लौटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा।
  • विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘हाई-प्रोफाइल’ भगोड़े आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल कर रही है और उनके सामने देश लौटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रधानमंत्री ने ऋण प्रवाह और आर्थिक वृद्धि पर एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए हम नीतियों एवं कानून पर निर्भर रहे और कूटनीतिक माध्यमों का भी इस्तेमाल किया। संदेश एकदम साफ है-- अपने देश लौट आओ। हम इसके लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं।’’

हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसी आर्थिक अपराधी का नाम नहीं लिया। लेकिन उनकी सरकार ने पिछले कुछ समय में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज कर दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सक्रियता दिखाने से चूककर्ताओं से पांच लाख करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) भी दो लाख करोड़ रुपये की दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के निपटान में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से बैंकों की सेहत काफी सुधरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय बैंक देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए अब मजबूत स्थिति में हैं। इससे भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह आसान होगी।’’ इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकों से धन-संपत्ति एवं रोजगार के अवसर पैदा करने वालों को ऋण देने में सक्रियता दिखाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने साथ देश के भी ‘बही-खाते’ को सुधारने के लिए सक्रियता से काम करना होगा।

मोदी ने कहा कि बैंकों को कारोबार क्षेत्रों के फलने-फूलने में मदद के लिए अब पुरानी संस्कृति का त्याग कर कर्ज की 'मंजूरी देने वाले' की सोच से खुद को अलग करना होगा। उन्होंने बैंकों को कारोबार जगत के साथ भागीदार का मॉडल अपनाने की सलाह भी दी। उन्होंने पिछले छह-सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों से बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति मजबूत होने की बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने बैंकों की एनपीए समस्या का समाधान निकाला है, बैंकों में नई पूंजी डाली है, दिवाला संहिता लेकर आए हैं और ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया है।’’ उन्होंने बैंकरों को कंपनियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से समाधान मुहैया कराने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आप ग्राहकों के बैंक आने का इंतजार न करें। आपको उनके पास जाना होगा।’’ प्रधानमंत्री ने बैंकों को 'बड़ी सोच एवं नवाचारी रवैये' के साथ आगे बढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) को अपनाने में अगर देर करते हैं, तो हम पीछे छूट जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2022 तक हरेक बैंक शाखा में कम-से-कम 100 ऐसे ग्राहक होने चाहिए जो अपना समूचा कारोबार डिजिटल ढंग से कर रहे हों। प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सबसे कम होने और बैंकों के पास समुचित नकदी होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मजबूत बना रहा। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस क्षेत्र का परिदृश्य भी सुधारा है।

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