Saturday, April 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कोरोना संकट के दौरान लोन पर छूट लेने वाले के लिए गुड न्यूज़! RBI ने किया ये बड़ा ऐलान

कोरोना संकट के दौरान लोन पर छूट लेने वाले के लिए गुड न्यूज़! RBI ने किया ये बड़ा ऐलान

अगर आपने भी बीते साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेने के बाद ब्याज पर ब्याज चुकाया है तो आपके लिए अच्छी खबर है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 08, 2021 9:08 IST
RBI- India TV Paisa
Photo:PASSIONATEINMARKETING

RBI

मुंबई। अगर आपने भी बीते साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेने के बाद ब्याज पर ब्याज चुकाया है तो आपके लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से कहा कि वह कर्जदारों से पिछले साल छह माह की रोक अवधि के दौरान लिये गये ब्याज पर ब्याज की वापसी समायोजन के लिये अपने निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त नीति को तुरंत लागू करें। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अपने एक फैसले में रोक अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज लेने से रोक लगा दी थी। 

शीर्ष अदालत के इसी निर्णय के अनुपालन को लेकर रिजर्व बेंक ने बैंकों से रिफंड नीति बनाने को कहा। रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड- 19 महामारी के दौरान कर्जदारों को राहत पैकेज देते हुये उनकी कर्ज किस्त के भुगतान पर रोक लगा दी थी। कर्जदारों को पहले एक मार्च से लेकर 31 मई तक और फिर इस रोक को तीन महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया था। 

पढें-  Aadhaar के बिना हो जाएंगे ये काम, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर जरूरत को किया खत्म

पढें-  बैंक के OTP के नाम हो रहा है फ्रॉड, खाली हो सकता है अकाउंट, ऐसे रहे सावधान

रिजर्व बैंक ने इसी मामले में उच्चतम न्यायालय के फेसले का हवाला देते हुये बुधवार को एक सर्कुलर में कहा, ‘‘सभी कर्ज देने वाले संसथान जल्द से जल्द अपने निदेशक मंडलों से मंजूरी प्राप्त एक रिफंड समायोजन नीति को अमल में लायें। इस रिफंड नीति के तहत एक मार्च से लेकर 31 अगस्त 2020 की रोक अवधि के दौरान कर्जदारों पर लगाये गये ब्याज के ऊपर ब्याज की राशि को रिफंड अथवा समायोजन किया जाना चाहिये।’’ 

पढें-  SBI में सिर्फ आधार की मदद से घर बैठे खोलें अकाउंट, ये रहा पूरा प्रोसेस

पढें-  Amazon के नए 'लोगो' में दिखाई दी हिटलर की झलक, हुई फजीहत तो किया बदलाव

उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च 2021 को दिये अपने फैसले में कहा था कि छह माह की रोक अवधि के दौरान कोइ्र भी दंडात्मक अथवा चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाना चाहिये। बैंकों और संस्थानों ने जो भी ब्याज पहले ही वसूल लिया है उसे रिण खाते की अगली किस्त में समायोजित कर दिया जाये अथवा रिफंड किया जाना चाहिये। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement