इंडसइंड बैंक के शेयर में काफी गिरावट आ चुकी है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को बीएसई पर इंडसइंड बैंक का शेयर गिरावट के साथ 672.10 रुपये पर बंद हुआ।
फरवरी 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर 3.6 फीसदी पर आ गई थी। मुख्य रूप से खाने-पीने के सामानों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण महंगाई दर नीचे आई।
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनीज (विनियमन) अधिनियम, 2005 और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनीज नियम, 2006 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में भी फरवरी में भारी गिरावट देखी गई, जो एक महीने पहले 4. 59 प्रतिशत से घटकर 3. 79 प्रतिशत हो गई।
रिजर्व बैंक ने कहा कि विजनरी फाइनेंसपीयर पर 16.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रत्येक मामले में, जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वो दो अलग-अलग चरणों में 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज की खुले बाजार परिचालन (OMO) खरीद करेगा। पहले चरण के तहत 50,000 करोड़ रुपये की पहली नीलामी 12 मार्च को निर्धारित की गई है।
2000 रुपये के नोट जमा करने और/या बदलने की सुविधा 7 अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। हालांकि, यह सुविधा अभी भी रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों (रीजनल ऑफिस) में उपलब्ध है।
सितंबर 2024 के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
रिजर्व बैंक की पर्यवेक्षी समीक्षाओं ने एमएसई को स्वीकृत ऋणों के मामले में फोरक्लोजर शुल्क/पूर्व-भुगतान दंड लगाने के संबंध में विनियमित संस्थाओं के बीच भिन्न प्रथाओं का संकेत दिया है, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद होते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश का पालन न करने के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के आधार पर, सिटीबैंक एन.ए. को एक नोटिस जारी किया गया था।
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, कुल सावधि जमा में सात प्रतिशत या उससे अधिक ब्याज दर वाली जमाओं की हिस्सेदारी एक साल पहले के 61. 4 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2024 में 70. 8 प्रतिशत हो गई।
अर्थशास्त्रीने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए विकास के दृष्टिकोण से वैश्विक बाजार कम प्रासंगिक हो गया है, और कहा कि वैश्विक घटनाएं विपरीत हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था उनके बीच लचीली हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया और इस पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिए।
बैंक के विफल होने की स्थिति में जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी DICGC नाम की एक यूनिट है जो बैंक जमाराशियों का बीमा करती है।
आरबीआई ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिये हैं। साथ ही आरबीआई ने बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीने के लिए भंग कर दिया है।
RBI के निर्देशों के मुताबिक, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक 14 फरवरी से बिना प्री-अप्रूवल के कोई भी लोन या एडवांस नहीं देगा। इसके अलावा, ये बैंक आज से न तो किसी ग्राहक का डिपॉजिट स्कीकार करेगा और न ही उनके खाते से पैसे निकालकर देगा।
13 फरवरी, 2025 को कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना पूर्व स्वीकृति के कोई भी लोन या अग्रिम राशि नहीं देगा या उसका रिन्युअल नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा।
पिछले साल अप्रैल में आरबीआई ने कहा था कि 2022 और 2023 के लिए बैंक की आईटी जांच से पैदा हुई महत्वपूर्ण चिंताओं और व्यापक और समयबद्ध तरीके से इन चिंताओं को दूर करने में बैंक की तरफ से निरंतर विफलता के आधार पर कार्रवाई आवश्यक थी।
साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। इसी कड़ी में डिजिटल अरेस्ट के भी काफी मामले सामने आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से सतर्क रहने की अपील करते हुए चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति अनुमानों पर काम करते समय मौजूदा रुपया-डॉलर दर को ध्यान में रखा है।
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