
shramik special train
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को घर जाने के लिए ट्रेनें उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ने अब तक 806 विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के जरिये दस लाख श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया है। कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते ये प्रवासी श्रमिक विभिन्न राज्यों में फंसे हुए थे। सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सरकार प्रवासियों को लेकर चिंतित है। यह देखकर हमें काफी दुख होता है कि प्रवासी मजदूर अपने परिवार, बच्चों और सामान के साथ सड़कों पर पैदल चल रहे हैं। मैं आपको सिर्फ यह कहना चाहती हूं कि हमारी सरकार ने निश्चित रूप से राज्यों के साथ मिलकर इन लोगों को ट्रेन सुविधा उपलब्ध कराई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 1,200 विशेष श्रमिक ट्रेनें उपलब्ध हैं। प्रतिदिन ऐसी 300 रेलगाड़ियां चलाई जा सकती हैं। उन्होंने दावा कि राज्य सरकारों ने जैसे ही कहा कि उन्हें इतनी संख्या में ट्रेनें चाहिए, तीन से पांच घंटे में उन्होंने यात्रियों को उनके राज्य वापस ले जाने के लिए स्टेशन पर ट्रेन उपलब्ध करा दी गई। सीतारमण ने कहा, ‘‘रेलवे ने अब तक 806 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलाई हैं जिनके जरिये 10 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। केंद्र और राज्य मिलकर प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ट्रेन के परिचालन की लागत का 85 प्रतिशत बोझ केंद्र सरकार उठाएगी। शेष 15 प्रतिशत बोझ राज्य सरकारें वहन करेंगी। मंत्री ने कहा कि अभी तक उत्तर प्रदेश ने ऐसी 386 ट्रेनों का आग्रह किया है। बिहार ने 204, मध्य प्रदेश ने 67, झारखंड ने 44, राजस्थान ने 18 और छतीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने सात-सात ट्रेनों का आग्रह किया है।