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किसानों के गन्ने का 22,000 करोड़ रुपये का बकाया जल्द चुकायें चीनी मिलें: खाद्य मंत्री

चीनी मिलों का 2019-20 के चीनी सत्र में अब तक 2.7 करोड़ टन चीनी का उत्पादन

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Jun 08, 2020 11:18 pm IST, Updated : Jun 08, 2020 11:18 pm IST
sugarcane arrears- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

sugarcane arrears

नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि चालू सत्र में किसानों के गन्ने का बकाया करीब 22,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने चीनी मिलों से कहा है कि वे कोरोना वायरस महामारी के इस संकट में किसानों की नकदी स्थिति में सुधार लाने के लिए बकाये का जल्द भुगतान करें। पासवान ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गन्ना बकाया की स्थिति की समीक्षा की और सचिव को निर्देश दिया कि वे बकाया को कैसे कम किया जाये इस बात के तौर तरीके सुझाते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

पासवान ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘वर्ष 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने के लिए चीनी मिलों पर कुल 72,000 करोड़ रुपये का बकाया हो गया था। इसमें से अधिक से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है और शेष लगभग 22,000 करोड़ रुपये बच गये हैं। हम मिलों को इसे जल्द से जल्द निपटाने को कह रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इस बकाये में केंद्र द्वारा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी), और राज्यों द्वारा निर्धारित राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 सत्र के 22,000 करोड़ रुपये के बकाया में से लगभग 17,683 करोड़ रुपये एफआरपी दर पर आधारित है, जबकि शेष एसएपी दरों पर आधारित है। मंत्री ने कहा कि चीनी मिलों को 2018-19 सत्र के लिए अभी भी 767 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, और उन्होंने चीनी मिलों से इसी सत्र में ही इसे निपटाने के लिए कहा है। पासवान ने कहा कि केंद्र द्वारा दिए गए प्रोत्साहन की मदद से वर्ष 2019-20 सत्र के दौरान चीनी का निर्यात बेहतर गति से हो रहा है, जिससे चीनी मिलें किसानों का भुगतान करने की स्थिति में लौट रही हैं। चालू सत्र के लिए 60 लाख टन के अनिवार्य निर्यात कोटा के मुकाबले चीनी मिलों ने 48 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया है। इसमें से 43 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। पासवान ने कहा, "यह बहुत अच्छा संकेत है क्योंकि भारत पिछले सत्र में केवल 37 लाख टन चीनी का निर्यात कर पाया था। हमें उम्मीद है कि निर्यात से हुई आय के कारण चीनी मिलों को किसानों के गन्ना बकाया निपटाने में मदद मिलेगी।" गन्ने के बकाए को खत्म करने के लिए नकदी संकट का सामना कर रहे चीनी मिलों की मदद करने के अन्य विकल्पों पर भी समीक्षा बैठक में चर्चा की गई, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है। पासवान ने कहा कि खाद्य सचिव को इस संबंध में एक रिपोर्ट देने को कहा गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चीनी मिलों ने 2019-20 के चीनी सत्र में अब तक 2.7 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले साल के तीन करोड़ 31 लाख टन के उत्पादन से कम है।

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