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बढ़ई, सुनार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, दर्जी समेत इन 18 तरह के कमगारों को 5% की ब्याज पर ‘विश्वकर्मा योजना’ से मिलेगा लोन

व्यवसाय को व्यवस्थित करने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रूपये का रियायती लोन प्रदान किया जायेगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Aug 17, 2023 9:00 IST, Updated : Aug 17, 2023 9:10 IST
PM Vishkarma Yojna- India TV Paisa
Photo:FILE विश्वकर्मा योजना

केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिस पर 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के तहत केंद्र सरकार बढ़ई, सुनार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, दर्जी समेत 18 तरह के ट्रैडिशनल काम करने वाले कामगारों को सिर्फ 5% की ब्याज दर पर ‘विश्वकर्मा योजना’ से 1 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। इसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ नाम से एक नयी केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी । इस पर वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 के बीच पांच वर्षो की अवधि में 13 हजार करोड़ रूपये का खर्च आयेगा तथा इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि यह योजना विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर (17 सितंबर) शुरू की जायेगी। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में 1 लाख रुपये का तक लोन दिया जायेगा जिस पर ब्याज दर अधिकतम 5 प्रतिशत होगी। 

देश के निचले तबके के कामगारों को मिलेगी मदद 

इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि इस योजना से देश के निचले तबके के कामगारों को मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी। इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा। वैष्णव ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये के हिसाब से मानदेय दिया जायेगा।  केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। 

दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का लोन मिलेगा

व्यवसाय को व्यवस्थित करने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रूपये का रियायती लोन प्रदान किया जायेगा। सरकारी बयान के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जायेगी और पहचान पत्र भी दिया जायेगा। इस योजना के तहत कारीगरों को डिजिटल लेनदेन में प्रोत्साहन और बाजार समर्थन प्रदान किया जायेगा। इसके तहत आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रूपये की मदद दी जायेगी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहले चरण में 18 पारंपरिक कार्य करने वालों को रखा गया है। इनमें बढ़ई, नौका बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा एवं औजार बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, दरी, झाड़ू एवं टोकरी बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं। 

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