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जन्म प्रमाण-पत्र के साथ Aadhar पंजीयन की सुविधा जल्द सभी राज्यों में शुरू होगी

पांच साल की उम्र तक के बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती है। इस जानकारी को तब अद्यतन किया जाता है जब बच्चे की उम्र पांच और फिर 15 साल होती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 15, 2022 18:31 IST, Updated : Oct 15, 2022 18:31 IST
Aadhar- India TV Paisa
Photo:PTI Aadhar

नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही उनके 'आधार' क्रमांक पंजीयन की सुविधा अगले कुछ महीनों में सभी राज्यों में उपलब्ध होने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। फिलहाल नवजात बच्चों के आधार पंजीयन की सुविधा 16 राज्यों में मिल रही है। यह प्रक्रिया एक वर्ष पहले शुरू हुई थी और इसमें धीरे-धीरे करके कई राज्य जुड़ते गए। बाकी राज्यों में भी इस दिशा में काम चल रहा है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में सभी राज्यों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे उन लोगों को आसानी होगी जिनके घर में किसी बच्चे का जन्म हुआ हो।

पांच साल की उम्र तक बायोमेट्रिक नहीं

पांच साल की उम्र तक के बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती है। इस जानकारी को तब अद्यतन किया जाता है जब बच्चे की उम्र पांच और फिर 15 साल होती है। सूत्रों ने बताया कि अब उद्देश्य यह सुनिश्चित करने का है कि जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही बच्चे का आधार भी जारी कर दिया जाए और इसके लिए यूआईडीएआई भारत के महापंजीयक के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए जन्म पंजीयन की कंप्यूटर आधारित प्रणाली की जरूरत है और जिन राज्यों में यह उपलब्ध है उनमें यह सुविधा शुरू की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इन 16 राज्यों में जब भी कोई जन्म प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है, तो इसका संदेश यूआईडीएआई प्रणाली में भेजा जाता है। इसके बाद जैसे ही बच्चे की तस्वीर और पते जैसे विवरण मिल जाते हैं, उसका आधार नंबर बना दिया जाता है।

अपडेट की सुविधा जल्द शुरू होगी

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का बुनियादी ढांचा आधारधारकों से जुड़ी सूचना को अद्यतन के तहत नये आंकड़ों का भार वहन करने के लिये पूरी तरह से तैयार है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह कहा। उल्लेखनीय है कि यूआईडीएआई ने इस सप्ताह की शुरुआत में लोगों से आग्रह किया कि अगर उनका आधार 10 साल से अधिक समय पहले जारी हुआ था और उसके बाद उसके ब्योरे अद्यतन नहीं किये गये हैं, तब निवास स्थान के पते के साथ सभी सूचना अद्यतन करा लें। सूत्रों ने कहा कि ऐसे भी निवासी होंगे जिनका आधार 10 साल से अधिक समय पहले बना और उन्होंने उसे अद्यतन नहीं कराया क्योंकि हो सकता है, उनका निवास स्थान तथा अन्य दस्तावेज वहीं हो। ऐसे मामले में भी अद्यतन कराने की जरूरत है। इसके अनुसार, आधारधारकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये प्राधिकरण ने दस्तावेज अद्यतन करने के लिये नई विशेषता तैयार की है। इसपर ‘माई आधार पोर्टल’, ‘माई आधार ऐप’ के जरिये ‘ऑनलाइन’ पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा निवासी वहां जाकर भी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जहां आधार बन रहे हैं। जो नई विशेषता जोड़ी गयी है, उसके जरिये आधारधारक नाम और फोटो लगे पहचान पत्र और निवास स्थान के पते (नाम और पता) के साक्ष्य के साथ ब्योरा फिर से अद्यतन कर सकते हैं। यूआईडीआई के ताजा कदम से लोगों को अपने आधार ब्योरे को दोबारा से जांचने का मौका मिलेगा। ऑनलाइन सुविधा के लिये शुल्क 25 रुपये और आधार केंद्र के जरिये सूचना अद्यतन कराने पर 50 रुपये लगेंगे। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा राशन की दुकानों और स्थानीय हाट के आसपास शिविर लगाए जाएंगे।

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