सोना खरीदने जा रहे हैं तो सोने की स्टैंडर्ड कीमत पता करें
सोना खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर देंखे, ह शुद्धता की गारंटी देता है
मेकिंग चार्ज को लेकर बारगेन करें, इसके लिए कोई कोई गाइडलाइन नहीं है
Akshaya Tritiya इस बार 3 मई को है। ऐसे में अगर आप इस शुभ मूूहुर्त पर सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें जैसे कि सोने की शुद्धता, मेकिंग चार्ज, कीमत आदि। हम आपको सोना खरीदने से पहले इससे जुड़े 4 महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहे हैं। इनको फॉलो कर आप फायदे में रह सकते हैं।
सोने की शुद्धता किस तरह जाचें
सोना खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर देंखे। हॉलमार्क इस बात की गारंटी है कि ज्वैलरी शुद्ध है। हॉलमार्क भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दिया जाता है। हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर हॉलमार्क का साइन और कुछ अंक लिखे होते हैं। इस अंक को देखकर आप सोने की शुद्धता का पता कर सकते हैं। अगर हॉलमार्क वाले आभूषण पर 999 लिखा है तो सोना 99.9 फीसदी शुद्ध है। अगर, हॉलमार्क के साथ 916 का अंक लिखा हुआ है तो वह आभूषण 22 कैरेट का है और 91.6 फीसदी शुद्ध है। अगर दुकानदार बिना हॉलमार्क वाले गहने देने की कोशिश करें तो न लें। आपको नुकसान हो सकता है।
कीमत का खास ख्याल रखें
सोने का गहना खरीदने से पहले कीमत की जानकारी जरूर लें। यह आप ऑनलाइन और ऑफलाइन पता कर सकते हैं। साथ ही आप ज्वैलरी की कीमत खुद से भी कैलकुलेट कर सकते हैं। अगर, आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो सोने की स्टैंडर्ड कीमत पता करें। अगर मान लें कि आप जिस दिन जा रहे हैं उस दिन 24 कैरेट सोने का स्टैंडर्ड रेट 50 हजार रुपये है। ऐसे मे आप जो ज्वैलरी खरीदेंगे वह 22 कैरेट होगी क्योंकि ज्वैलरी कभी भी 24 कैरेट का नहीं होती है। ऐसे में आप अगर 10 ग्राम की ज्वैलरी खरीदते हैं तो बिना मेकिंग चार्ज आपके ज्वैलरी की कीमत (50,000/24)x22= 45,833 रुपये होगी। जबकि, कई बार ज्वैलर आपसे 24 कैरेट का रेट ले लेता है। इसी तरह, आप 20 और 18 कैरेट सोनेे की कीमत निकाल सकते हैं।
मेकिंग चार्जेज को अनदेखा न करें
सोने की ज्वैलरी की स्टैंडर्ड कीमत के अलावा जौहरी मेकिंग चार्ज लेते हैं। मेकिंग चार्ज ज्वैलरी की कीमत का 10 से 20 फीसदी तक होता है। कई जौहरी फिक्स मेकिंग चार्ज लेते हैं। ज्वैलरी ब्रांड में मेकिंग चार्ज अधिक हो सकता है। वहीं, छोटे दुकान में आपको कम चार्ज लग सकता है। अगर, आप बल्क में ज्वैलरी (शादी के लिए) खरीद रहे हैं तो फिक्स मेकिंग चार्ज पर लेना बेहतर होता है। वैसे आप मोलतोल कर मेकिंग चार्ज को कम करा सकते हैं। मेकिंग चार्ज के लिए कोई फिक्स गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में मेकिंग चार्ज को लेकर हमेशा बारगेन करना चाहिए।
स्टोन लगी ज्वैलरी खरीदने से बचें
स्टोन लगी ज्वैलरी खरीदने से बचना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सोने की ज्वैलरी में जो स्टोन लगे होते हैं, वह ऑडीनरी स्टोन होते हैं। जब आप ज्वैलरी खरीदते हैं तो ज्वैलर आपसे कहता है कि इसमें इतने वजन का सोना और इतने का स्टोन लगा हुआ है। आपको इसके अनुसार कीमत देनी होगी। ऐसे में आपके पास जौहरी की बात मानने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं होता है। हो सकता है कि आपको उस ज्वैलरी से अधिक कीमत चुकानी हो। इससे बचने का प्रयास करें। अगर, लें भी तो प्योर स्टोन की ज्वैलरी खरीदें।