माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली ChatGPT को लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचई से लेकर एलन मस्क तक आगाह कर चुके हैं। लेकिन ChatGPT की तबाही अब वास्तव में खलनायक बन रही है। अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से लोगों की जॉब खा रही है। ताजा सर्वे में सामने आया है कि 50 प्रतिशत से अधिक वे अमेरिकी कंपनियां जो चैटबॉट का सहारा ले रही हैं, और अभी तक ये काम अंजाम देने वाले कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। इससे कंपनियों को हजारों डॉलर की बचत हो रही है।
ये वे कंपनियां या सेक्टर हैं जहां पर सबसे ज्यादा भारतीय कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में एक तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारतीयों के लिए भी खतरा बनती जा रही है। जॉब एडवाइस प्लेटफॉर्म Resumebuilder.com द्वारा 1,000 बिजनेस लीडर्स पर किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वे में शामिल लगभग आधी अमेरिकी कंपनियों ने पहले ही ChatGPT को अपना लिया है और इसके परिणामस्वरूप, इन कंपनियों ने ये काम कर रहे वर्कर की छंटनी कर दी है।
Resumebuilder.com के मुख्य कैरियर सलाहकार स्टैसी हॉलर ने एक बयान में कहा, चैटजीपीटी के उपयोग के बारे में कंपनियों में बहुत उत्साह है। चूंकि यह नई तकनीक अभी कार्यस्थल में बढ़ रही है, इससे मौजूदा कर्मचारियों को यह सोचने पर विवश होना पड़ा है कि उनकी वर्तमान नौकरी की जिम्मेदारियों को ChatGPT कैसे प्रभावित कर सकता है। इस सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि कंपनियां ChatGPT के सहारे अपना खर्च कम करना चाहती हैं और इसके लिए मानव संसाधन में कमी कर रही हैं।
किन किन सेक्टर्स में गई जॉब
अमेरिकी कंपनियां कई उद्देश्यों के लिए चैटजीपीटी का उपयोग करती हैं। मसलन कोड लिखने के लिए 66 प्रतिशत, कंटेंट बनाने के लिए 58 प्रतिशत, कस्टमर सर्विस के लिए 57 प्रतिशत और मीटिंग समरी और अन्य कागजात के लिए 52 प्रतिशत कंपनियां अब ChatGPT का प्रयोग कर रही हैं।
ChatGPT से प्रभावित कंपनियां
ResumeBuilder.com ने कहा, "कुल मिलाकर, अधिकांश कारोबारी चैटजीपीटी के काम से प्रभावित हैं। करी 55 प्रतिशत का कहना है कि ChatGPT द्वारा किए गए काम की गुणवत्ता 'बेहतरीन' है, जबकि 34 प्रतिशत का कहना है कि यह 'बहुत अच्छा' है।" यह ऐसे समय में आया है जब ChatGPT के संस्थापक और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने पहले ही यूजर्स को "कुछ भी महत्वपूर्ण" के लिए एआई चैटबॉट पर भरोसा करने के खिलाफ चेतावनी दी है।