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देशभर में उड़ानों की भारी अव्यवस्था और यात्रियों की बढ़ती परेशानियों के बीच इंडिगो एयरलाइंस आखिरकार खुलकर सामने आई है। एयरपोर्ट्स पर खड़े यात्रियों की बेबसी, कैंसिल होती उड़ानें, बैगेज न मिलने की शिकायतें और लगातार बढ़ती कतारों के बीच इंडिगो ने एक बड़ा बयान जारी कर राहत देने की कोशिश की है।
RBI ने नीतिगत दर में कटौती का फैसला ऐसे समय में लिया है जब भारत को अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% की ऊंची टैरिफ दर जैसे वैश्विक आर्थिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है।
मीशो के सार्वजनिक निर्गम में 4,250 करोड़ रुपये के नए शेयरों का इश्यू शामिल है, जबकि 10.55 करोड़ शेयरों की OFS का मूल्य 1,171 करोड़ रुपये है। Vidya Wires आईपीओ का प्राइस बैंड 48–52 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
IndiGo के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने कहा कि इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कंपनी का पूरा ध्यान इस बात पर है कि वह कैसे प्रतिक्रिया देती है और यात्रियों की परेशानी को कम करती है।
नितिन गडकरी ने किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी या बचाव का रास्ता न अपनाते हुए, बेहद सरल, स्पष्ट और सम्मानजनक लहजे में जवाब दिया। साथ ही सांसद को काम पूरा होने को लेकर भरोसा भी दिया।
सरकार की यह पहल यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने और IndiGo फ्लाइट संचालन को स्थिर करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है। सही कार्रवाई के लिए जवाबदेही तय की जाएगी।
इंडिगो की फ़्लाइट सर्विस में रुकावट से देशभर में यात्रियों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को कुछ और विकल्प मिल सके, उत्तर रेलवे ने यह पहल की है।
सेंसेक्स में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, बजाज फाइनेंस और HCL टेक शीर्ष गेनर्स रहे। सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी पीएसयू बैंक 1.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ सबसे आगे रहा।
इंडिगो के लगातार बढ़ते संकट और फ्लाइट कैंसिलेशन ने देशभर के यात्रियों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। कई लोग एयरपोर्ट पर घंटों फंसे हुए हैं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ परेशान हैं और उनकी यात्रा पूरी तरह प्रभावित हो गई है। ऐसे समय में यात्रियों को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
इंडिगो संकट का असर अब सिर्फ फ्लाइट कैंसिलेशन और घंटों की देरी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके चलते हवाई किराया भी अचानक आसमान छूने लगा है। हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं जहां ठप हो गई हैं, वहीं जो लोग जरूरी काम से दूसरे शहरों में जाना चाहते हैं, उन्हें अब टिकटों के दाम सुनकर भी झटका लग रहा है।
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