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Economic Survey 2024: भारत के ग्रोथ में शेयर मार्केट निभा रहा अब मुख्य भूमिका, आर्थिक सर्वे में खुलासा

भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में दूसरे उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 22, 2024 13:43 IST, Updated : Jul 22, 2024 15:04 IST
वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा।

कैपिटल मार्केट (पूंजी बाजारों) यानी शेयर मार्केट देश की आर्थिक तरक्की में अब प्रमुख भूमिका में आ गया है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। समीक्षा में कहा गया कि इनोवेशन और डिजिटलीकरण के दम पर पूंजी निर्माण और निवेश परिदृश्य में बढ़ती हिस्सेदारी के साथ पूंजी बाजार देश की वृद्धि गाथा में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके अलावा आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं। इसके अलावा आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।

भारतीय कैपिटल मार्केट का प्रदर्शन सबसे बेहतर

आर्थिक समीक्षा 2024 के मुताबिक, बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम, बढ़ती ब्याज दरों और जिंस कीमतों में अस्थिरता के बावजूद भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में दूसरे उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा। चालू वित्त वर्ष में भी यही रुख जारी है। 3 जुलाई को सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान पहली बार 80,000 अंक के स्तर को छू गया।


समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक और उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों के अनुकरणीय प्रदर्शन की मुख्य वजह भारत की वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने की क्षमता, ठोस तथा स्थिर घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा एक मजबूत घरेलू निवेशक आधार है।

आईपीओ की संख्या में 66% की वृद्धि

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में आरंभिक सार्वजनिक पेशकशों (आईपीओ) की संख्या में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 2023 में 164 से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 272 हो गई, जबकि जुटाई गई राशि में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई (वित्त वर्ष 2023 में 54,773 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2024 में 67,995 करोड़ रुपये)। एक्सचेंजों पर एसएमई प्लेटफॉर्म पर वित्त वर्ष 2024 के दौरान गतिविधियों में वृद्धि देखी गई क्योंकि एसएमई के आईपीओ/एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) की संख्या में 1.6 गुना वृद्धि हुई (वित्त वर्ष 2023 में 125 से वित्त वर्ष 2024 में 196 तक), जबकि जुटाई गई राशि पिछले वर्ष की तुलना में ढाई गुना से अधिक बढ़ गई (वित्त वर्ष 2023 में 2,333 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2024 में 6,095 करोड़ रुपये तक)।

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