वित्त मंत्रालय को भरोसा है कि 'जीएसटी 2.0' सहित विभिन्न संरचनात्मक सुधार और सरकारी पहलें बाहरी चुनौतियों के नकारात्मक असर को कम करने में सहायक होंगी।
आईएमएफ ने जुलाई में भी भारत के विकास अनुमान को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.4% कर दिया था। आईएमएफ से कुछ ही दिन पहले, विश्व बैंक ने भी भारत के FY2026 के जीडीपी अनुमान को जून के 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया था।
IMF ने भारत के GDP विकास अनुमान को 6.4% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। यह संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमेरिकी टैरिफ का असर झेलते हुए मजबूत रफ्तार बनाए रखी है। विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर को 6.3% से बढ़ाकर 6.5% किया है।
उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से समर्थित भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने कहा कि महंगाई केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों के भीतर बनी रहने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी में सुधार के बाद 12% GST वाले 99% उत्पाद अब 5% स्लैब में आ गए हैं। 28% वाले 90% आइटम अब 18% की दर पर आ गए हैं।
अर्न्स्ट एंड यंग की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत की वर्तमान आर्थिक विकास दर बनी रही, तो परचेजिंग पावर पैरिटी के आधार पर भारत की जीडीपी 2038 तक $34.2 ट्रिलियन तक पहुंच सकती है।
फिच रेटिंग्स ने यह भी कहा है कि पिछले दो सालों में भारत की आर्थिक गति में कुछ सुस्ती भी देखी गई है। साथ ही कहा कि अगर सरकार प्रस्तावित जीएसटी दरों में सुधार को अमल में लाती है, तो इससे घरेलू उपभोग को बल मिलेगा और यह आर्थिक मंदी के प्रभावों को संतुलित करने में मदद करेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ को देखते हुए भारत सरकार ने व्यापारिक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए ₹20,000 करोड़ का विशेष निर्यात प्रोत्साहन मिशन तैयार किया है। साथ ही सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय मांगों पर विचार कर रही है।
फिच रेटिंग्स ने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में शामिल 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए अगले पांच वर्षों में अपने मध्यम अवधि के संभावित जीडीपी अनुमानों को थोड़ा कम कर दिया है।
भारत मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, भले ही 2025 में वृद्धि अनुमानों को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
ब्याज दरों में और ढील एक और उम्मीद है। ग्रामीण मांग बढ़ रही है, जबकि शहरी मांग थोड़ी स्थिर रही है, हालांकि यह भी कुछ तिमाहियों में बढ़ना शुरू हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़कों, रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाहों और पाइपलाइन में विकास की गति स्टील सेक्टर के लिए नए अवसर पैदा कर रही है। देश का लक्ष्य 2047 तक इस्पात के मौजूदा 2.5 करोड़ टन निर्यात को बढ़ाकर 50 करोड़ टन करना है।
ओईसीडी ने मार्च में अनुमान लगाया था कि भारत की वृद्धि दर पहले के 6.9 प्रतिशत के अनुमान से घटकर 6.4 प्रतिशत रह जाएगी। इसी तरह, फिच रेटिंग्स ने वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जबकि एसएंडपी ने 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्तमान में 4.3 खरब अमेरिकी डॉलर है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि 2047 तक हम दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30 खरब अमेरिकी डॉलर) हो सकते हैं।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं अल्पावधि में निजी निवेश की संभावनाओं में बाधा डाल सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे उधार लेने की लागत में कमी आने और निवेश को बढ़ावा देने से इनमें सुधार होने की उम्मीद है।
अमिताभ कांत का कहना है कि भारत को समय से पहले, विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ, समय और लागत में वृद्धि के बिना परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
आईएमएफ ने कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। भारत सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 के दौरान 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
इकोनॉमी को अच्छे मॉनसून के बाद मजबूत ग्रामीण खपत और सरकारी व्यय में वृद्धि का सपोर्ट मिला।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि हम इस समय भारत के विकास को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम भारत को लेकर बहुत आशावादी हैं और आशावादी बने रहेंगे।
विकास के चार इंजन कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर बजट में किये गये उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था की मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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