फिच रेटिंग्स ने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में शामिल 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए अगले पांच वर्षों में अपने मध्यम अवधि के संभावित जीडीपी अनुमानों को थोड़ा कम कर दिया है।
भारत मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, भले ही 2025 में वृद्धि अनुमानों को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
ब्याज दरों में और ढील एक और उम्मीद है। ग्रामीण मांग बढ़ रही है, जबकि शहरी मांग थोड़ी स्थिर रही है, हालांकि यह भी कुछ तिमाहियों में बढ़ना शुरू हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़कों, रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाहों और पाइपलाइन में विकास की गति स्टील सेक्टर के लिए नए अवसर पैदा कर रही है। देश का लक्ष्य 2047 तक इस्पात के मौजूदा 2.5 करोड़ टन निर्यात को बढ़ाकर 50 करोड़ टन करना है।
ओईसीडी ने मार्च में अनुमान लगाया था कि भारत की वृद्धि दर पहले के 6.9 प्रतिशत के अनुमान से घटकर 6.4 प्रतिशत रह जाएगी। इसी तरह, फिच रेटिंग्स ने वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जबकि एसएंडपी ने 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्तमान में 4.3 खरब अमेरिकी डॉलर है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि 2047 तक हम दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30 खरब अमेरिकी डॉलर) हो सकते हैं।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं अल्पावधि में निजी निवेश की संभावनाओं में बाधा डाल सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे उधार लेने की लागत में कमी आने और निवेश को बढ़ावा देने से इनमें सुधार होने की उम्मीद है।
अमिताभ कांत का कहना है कि भारत को समय से पहले, विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ, समय और लागत में वृद्धि के बिना परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
आईएमएफ ने कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। भारत सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 के दौरान 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
इकोनॉमी को अच्छे मॉनसून के बाद मजबूत ग्रामीण खपत और सरकारी व्यय में वृद्धि का सपोर्ट मिला।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि हम इस समय भारत के विकास को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम भारत को लेकर बहुत आशावादी हैं और आशावादी बने रहेंगे।
विकास के चार इंजन कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर बजट में किये गये उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था की मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
ट्रंप ने कहा है कि या तो अमेरिका में अपना मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाओ या फिर ताबड़तोड़ टैरिफ चुकाने के लिए तैयार रहो। ट्रंप ने दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में उन कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स रेट का प्रोपोजल दिया, जो अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग करेंगी।
आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का दिसंबर 2024 का अंक जारी किया है, जो भारतीय वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए उच्च आवृत्ति संकेतक (एचएफआई) संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में देखी गई मंदी से उबर रही है, जो मजबूत त्योहारी गतिविधि और ग्रामीण मांग में निरंतर वृद्धि से प्रेरित है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौद्रिक, राजकोषीय और बाहरी सख्ती का सामना कर रही है। एजेंसी ने कहा कि हालांकि अब मौद्रिक स्थितियों में नरमी आने की उम्मीद है, लेकिन वित्तीय और सख्ती वित्त वर्ष 2026 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
सएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चीन के लिए विकास दर को साल 2024 में 4.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन अगले साल के पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया।
बुलेटिन में कहा गया है कि देश में वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जो कुछ सुस्ती देखी गयी थी, वो अब पीछे छूट गई है। इसका कारण ये है कि निजी खपत घरेलू मांग को गति दे रही है और त्योहारों के दौरान खर्च ने तीसरी तिमाही में वास्तविक गतिविधियों को बढ़ाया है।
भारत के बारे में, मूडीज ने कहा कि घरेलू खपत में सुधार, मजबूत निवेश और मजबूत विनिर्माण गतिविधि के कारण 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में साल-दर-साल 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान निर्यात 3. 18 प्रतिशत बढ़कर 252. 28 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 5. 77 प्रतिशत बढ़कर 416. 93 अरब डॉलर हो गया।
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