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GST सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था में ₹2 लाख करोड़ आएंगे, लोगों के हाथ में होंगे ज्यादा कैश: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी में सुधार के बाद 12% GST वाले 99% उत्पाद अब 5% स्लैब में आ गए हैं। 28% वाले 90% आइटम अब 18% की दर पर आ गए हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Sep 17, 2025 01:52 pm IST, Updated : Sep 17, 2025 01:52 pm IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।- India TV Paisa
Photo:PTI वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि नई पीढ़ी के GST सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा, जिससे आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा अब टैक्स के रूप में सरकार के पास नहीं जाएगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने बताया कि "नेक्स्ट-जेन GST" के तहत, मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर सिर्फ दो (5% और 18%) कर दिया गया है। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से 12% GST वाले 99% उत्पाद अब 5% स्लैब में आ गए हैं। 28% वाले 90% आइटम अब 18% की दर पर आ गए हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई बड़ी कंपनियां, यहां तक कि FMCG सेक्टर की कंपनियां भी, स्वेच्छा से कीमतों में कटौती करके इस बदलाव का फायदा सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए आगे आई हैं।

सुधारों के पीछे का मकसद

वित्त मंत्री ने बताया कि नई GST प्रणाली को पांच प्रमुख मानदंडों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दरों में कमी। मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करना। किसान समुदाय को लाभ पहुंचाना। MSME और रोजगार पैदा करने वाले सेक्टर को बढ़ावा देना और भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ाना।

राजस्व में जोरदार वृद्धि

वित्त मंत्री ने GST की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि 2018 में GST राजस्व 7.19 लाख करोड़ रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही, करदाताओं की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है, जो इस प्रणाली की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है। निर्मला सीतारमण ने GST काउंसिल को "सहकारी संघवाद" का बेहतरीन उदाहरण बताया और कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद बनाया गया एकमात्र संवैधानिक निकाय है।

उन्होंने पिछली UPA सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे "टैक्स आतंकवाद" को बढ़ावा दे रही थी और 10 साल तक "वन नेशन, वन टैक्स" प्रणाली को लागू करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि GST को लागू करने में सरकार को काफी मेहनत करनी पड़ी ताकि पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था लाई जा सके।

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