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अप्रैल-सितंबर में 7.02 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा, टैक्स कलेक्शन बढ़ने से मिला फायदा

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल-सितंबर के राजकोषीय घाटे के आंकड़े को जारी कर दिया गया है। राजकोषीय घाटा सरकार के पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 39.3 प्रतिशत रहा है।

Edited By: Abhinav Shalya
Published : Oct 31, 2023 16:58 IST, Updated : Oct 31, 2023 16:58 IST
Fiscal Deficit 2023-24- India TV Paisa
Photo:PEXELS Fiscal Deficit 2023-24

केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल-सितंबर के राजकोषीय घाटे का आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश का राजकोषीय घाटा 7.02 लाख करोड़ रुपये रहा है। वहीं, अप्रैल से अगस्त के बीच ये 6.43 लाख करोड़ रुपये था। 

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की ओर से जारी किए आंकड़ों में अप्रैल-सितंबर  का 7.02 लाख करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा सरकार के पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 39.3 प्रतिशत है। सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 17.87 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। बता दें, अप्रैल-सितंबर 2022 का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2022-23 के बजट का 37.3 प्रतिशत था। 

घट रहा राजकोषीय घाटा

यह लगातार दूसरा महीना है जब देश के राजकोषीय घाटे में कमी देखने को मिली है। सितंबर 2023 में राजकोषीय घाटा 59,035 करोड़ रुपये पर रहा है, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले सालाना आधार पर 25 प्रतिशत है। इसकी वजह लगातार टैक्स कलेक्शन का बढ़ना है।  

सितंबर के महीने में सरकार की टैक्स से आय सालाना आधार पर 14.3 प्रतिशत बढ़कर 3.56 लाख करोड़ हो गई है। कॉरपोरेट टैक्स क्लेक्शन 26.6 प्रतिशत बढ़कर 2.12 लाख करोड़ रुपये हो गया है। पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 15.6 प्रतिशत बढ़कर 91,247 करोड़ रुपये हो गया है। 

अप्रैल-सितंबर 2023 की बात करें, सरकार की कुल प्राप्तियां 17.7 प्रतिशत बढ़ी है। कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 20.2 प्रतिशत बढ़ गया है। वहीं, इनकम टैक्स में सालाना आधार पर 31.1 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया है। 

पूंजीगत खर्च पर जोर

सरकार का पूंजीगत खर्च पर जोर जारी है। अप्रैल-सितंबर तिमाही में 43.1 प्रतिशत बढ़कर 4.91 लाख करोड़ रुपये रहा है। वहीं, सितंबर में इसमें सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस कारण ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर में ये बड़े आराम से 5 लाख करोड़ से आंकड़े को पार कर जाएगा।

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