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Fitch ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत किया

Fitch ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखेगा और साल खत्म होने तक रेपो दर 5.9 प्रतिशत पर होगी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 15, 2022 15:14 IST, Updated : Sep 15, 2022 15:14 IST
Fitch - India TV Paisa
Photo:PTI Fitch

Highlights

  • पहले उसने वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था
  • 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.7 प्रतिशत रह सकती है
  • कच्चे तेल के दाम कम होने से अगस्त में मुद्रास्फीति में नरमी आई है

Fitch रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर सात कर दिया है। पहले उसने वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। फिच रेटिंग्स ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, उच्च मुद्रास्फीति और ऊंची ब्याज दरों के कारण देश की अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था, उच्च मुद्रास्फीति और सख्त मौद्रिक नीति की पृष्ठभूमि में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने का अंदेशा है।’’ इससे पहले फिच रेटिंग्स ने जून में चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था।

पहले 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.7 प्रतिशत रह सकती है। पहले उसने अगले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 13.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो जनवरी-मार्च तिमाही की 4.10 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कहीं अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कच्चे तेल के दाम कम होने से अगस्त में मुद्रास्फीति में नरमी आई है लेकिन खाद्य महंगाई दर चिंता का विषय बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 11 महीने के निचले स्तर 12.41 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति सात प्रतिशत पर है।

रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखेगा

फिच ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखेगा और साल खत्म होने तक रेपो दर 5.9 प्रतिशत पर होगी। केंद्रीय बैंक का ध्यान मुद्रास्फीति घटाने पर है लेकिन वह सोच-विचार कर इस बारे में निर्णय लेगा और यह मुद्रास्फीति तथा आर्थिक गतिविधियों की बदलती परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। अनुमान है कि नीतिगत दरें निकट भविष्य में उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगी और अगले पूरे वर्ष छह प्रतिशत पर रहेंगी।’’ रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2022 के अंत तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 79 पर बना रहेगा और खुदरा मुद्रास्फीति करीब 6.2 प्रतिशत पर होगी। उसने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और मुद्रास्फीति विश्व अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे हैं और 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पूर्व के अनुमान की तुलना में 0.5 प्रतिशत की कमी के साथ 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं 2023 में यह महज 1.7 प्रतिशत रहेगी।

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