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सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाया, जानें प्रति क्विंटल लेटेस्ट रेट

यह बढ़ोतरी मोदी सरकार के अबतक के टेन्योर में सबसे ज्यादा है। मार्केटिंग ईयर 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Oct 18, 2023 17:36 IST, Updated : Oct 18, 2023 17:36 IST
गेहूं रबी की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर में और कटाई अप्रैल में होती है।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY गेहूं रबी की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर में और कटाई अप्रैल में होती है।

मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। केंद्रीय मंत्रिनमंडल ने बुधवार को इस पर अपनी मुहर लगा दी। सरकार ने यह फैसला प्रमुख गेहूं (wheat) उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले लिया है। मोदी सरकार में गेहूं की एमएसपी (New MSP of wheat) में यह बढ़ोतरी अब तक सबसे ज्यादा है। भाषा की खबर के मुताबिक,रबी (MSP OF Rabi crop) की पांच दूसरी फसलों- चना, जौ, मसूर, रैपसीड-सरसों के बीज और कुसुम (सैफ्लॉवर) का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया है।

किसानों के हितों की रक्षा के लिए फैसला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की मीटिंग में गेहूं का एमएसपी (MSP of wheat) बढ़ाने का फैसला किया गया। मार्केटिंग ईयर 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं रबी (सर्दियों) की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है, जबकि कटाई अप्रैल में होती है। एमएसपी किसानों के हितों की रक्षा के लिए सुनिश्चित की गई न्यूनतम दर है, जिससे नीचे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा अनाज नहीं खरीदा जाता है।

गेहूं के आटे की उपभोक्ता कीमतें दबाव में
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के आधार पर हमने छह रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है। गेहूं और गेहूं के आटे की उपभोक्ता कीमतें पिछले डेढ़ साल से दबाव में होने के बावजूद इस फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले हुई है। गेहूं और गेहूं के आटे (आटा) की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए गेहूं के निर्यात पर मई, 2022 से प्रतिबंध लागू है।

बढ़ोतरी 2015-16 के बाद सबसे ज्यादा
गेहूं के एमएसपी (MSP of wheat) में मौजूदा बढ़ोतरी 2015-16 के बाद सबसे ज्यादा है। इससे पिछले चार विपणन सत्रों - 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2023-24 में गेहूं के एमएसपी में 100 से 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई थी। खाद्य मुद्रास्फीति पर गेहूं एमएसपी वृद्धि के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि भारत ने कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा है। मंत्री के अनुसार, जौ का एमएसपी (MSP) इस वर्ष के 1,735 रुपये से 115 रुपये बढ़ाकर 2024-25 के लिए 1,850 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। रबी सत्र की दालों में आगामी विपणन सत्र के लिए चने का एमएसपी 105 रुपये बढ़ाकर 5,440 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो 2023-24 के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल है।

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