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नए Digital Data Protection Bill के तहत सरकार की भी होगी जिम्मेदारी, कोई नहीं बेच पाएगा आम यूजर्स का डेटा

Digital Data Protection Bill: इस बिल के तहत आम यूजर्स के डेटा की सुरक्षा पहले से अधिक हो जाएगी। अगर किसी के डेटा को कोई कंपनी बेचती है तो उसे भारी जुर्माना देने होगा। यहां तक की सरकार भी इस नियम के अंदर जिम्मेदारी होगी।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 19, 2022 17:48 IST
नए Digital Data Protection Bill के तहत सरकार जिम्मेदार- India TV Paisa
Photo:INDIA TV नए Digital Data Protection Bill के तहत सरकार जिम्मेदार

Digital Data Protection Bill: डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण विधेयक में आंकड़ा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। एक सरकारी सूत्र ने शनिवार को यह जानकारी दी। उसने कहा कि विधेयक सिर्फ डिजिटल आंकड़ों से जुड़े पहलुओं पर विचार करेगा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को डिजिटल और साइबर क्षेत्र से निपटना है। 

सरकार की भी होगी जिम्मेदारी

विधेयक मुख्य रूप से उन संस्थाओं को जवाबदेह बनाने के लिए है, जो आंकड़ों को बेचकर पैसा कमा रही है। आंकड़ा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी छूट नहीं है। अगर सरकार के तरफ से इसका हेर-फेर होता है तो उसे भी नुकसान उठाना होगा। सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण विधेयक 2022 के प्रस्तावित मसौदे के तहत प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दी है। विधेयक के मसौदे में सरकार द्वारा व्यक्तिगत आंकड़ों के प्रसंस्करण के तरीके और उद्देश्य तय करने वाली इकाइयों के रूप में अधिसूचित कुछ संस्थाओं को कई अनुपालनों से छूट भी दी गई है। 

500 करोड़ रुपये के जुर्माना का प्रस्ताव

मसौदा विधेयक में ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आंकड़ा प्रसंस्करण करने वाली संस्थाएं व्यक्तियों की स्पष्ट सहमति से ही आंकड़े जमा करें। साथ ही आंकड़ों का उपयोग सिर्फ उसी मकसद के लिए किया जाएगा, जिसके लिए उसे जमा किया गया है। अगर ये इकाइयां या उसकी ओर से आंकड़ों का प्रसंस्करण करने वाली संस्थाएं विधेयक के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करती हैं, तो मसौदे में 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। 

सूत्र ने कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन आए हैं, जो अनावश्यक हैं। इससे सरकारी विभागों का बोझ बढ़ गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अधिसूचित संस्थाओं को आरटीआई खंड से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि आपसी समझौते और भरोसे के आधार पर दूसरे देशों में आंकड़ों के हस्तांतरण और भंडारण की अनुमति दी जाएगी। 

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