Friday, July 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कर्ज लिया ही नहीं और IDFC Bank ने EMI काट ली, अब कोर्ट ने लगाया इतना बड़ा जुर्माना

कर्ज लिया ही नहीं और IDFC Bank ने EMI काट ली, अब कोर्ट ने लगाया इतना बड़ा जुर्माना

आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को काटी गई ईएमआई ब्याज सहित वापस करे और आदेश मिलने के 60 दिन के भीतर उन्हें सेवा में कमी और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये का भुगतान करे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: May 20, 2024 20:42 IST
IDFC Bank - India TV Paisa
Photo:FILE आईडीएफसी बैंक

आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने एक व्यक्ति से ऐसे कर्ज के लिए मासिक किस्त (ईएमआई) काट ली, जो उसने कभी लिया ही नहीं था। इस मामले में अब एक उपभोक्ता अदालत ने बैंक को निर्देश दिया है कि नवी मुंबई के उस व्यक्ति को एक लाख रुपये का मुआवजा दे। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (मुंबई उपनगर) ने बैंक को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उसे ग्राहक को ब्याज सहित 5,676 रुपये की ईएमआई राशि वापस करने के लिए भी कहा। 

धोखाधड़ी से ऋण स्वीकृत किया

आयोग ने पिछले महीने पारित आदेश को हाल में उपलब्ध कराया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे पता चला कि बैंक ने फरवरी, 2020 में अपनी पनवेल शाखा में उसके खाते से उस ऋण के लिए ईएमआई काट ली है, जो उसने लिया नहीं था। पूछताछ करने पर बैंक ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसे एक ईमेल भेजकर बताया गया था कि यह एक ईसीएस भुगतान था। वह व्यक्ति जब बैंक शाखा में गए, तो उन्हें एक ऋण खाता दिया गया। हालांकि, जब उन्होंने खाते में लॉग इन किया, तो उन्हें ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का एक खत्म हो चुका वाउचर मिला। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आईडीएफसी बैंक ने अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और हस्ताक्षर प्राप्त किए बिना धोखाधड़ी से ऋण स्वीकृत किया। उन्होंने दावा किया कि बैंक ने व्यक्तिगत विवरण का दुरुपयोग करके अवैध रूप से 1,892 रुपये की मासिक ईएमआई के साथ 20 महीने की अवधि के लिए 20,000 रुपये का ऋण मंजूर किया था। 

ईएमआई ब्याज सहित वापस करने का आदेश 

आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता के अमेजन के साथ पत्राचार से पता चला कि उसे वाउचर के लिए बैंक से कोई राशि नहीं मिली है। उपभोक्ता आयोग ने कहा कि बैंक का यह बर्ताव एक अनुचित व्यापार व्यवहार के अलावा और कुछ नहीं है। आयोग ने कहा कि ऐसे गैरकानूनी कृत्यों के चलते ईएमआई का भुगतान न करने पर शिकायतकर्ता का सिबिल स्कोर खराब हो गया। आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को काटी गई ईएमआई ब्याज सहित वापस करे और आदेश मिलने के 60 दिन के भीतर उन्हें सेवा में कमी और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये का भुगतान करे। 

खर्च के लिए 10 हजार देने का आदेश 

आदेश में बैंक से शिकायतकर्ता को मुकदमे की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने और शिकायत से संबंधित सिबिल रिकॉर्ड को साफ करने का निर्देश भी दिया गया। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement