Highlights
- भारत में सोने की खपत 2021 में बढ़कर 797.3 टन हो गई
- मुख्य रूप से चौथी तिमाही की 343 टन की असाधारण मांग का परिणाम है
- 2022 में स्वर्ण की मांग करीब 800-850 टन रहने की उम्मीद है
मुंबई। उपभोक्ता धारणा में सुधार और कोविड-19 से संबंधित व्यवधानों के बाद मांग में तेजी आने से भारत में सोने की खपत 2021 में बढ़कर 797.3 टन हो गई और इस वर्ष भी तेजी का रुख जारी रहने का अनुमान है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने ‘स्वर्ण मांग रूझान 2021’ रिपोर्ट में कहा कि 2021 में स्वर्ण की मांग 78.6 फीसदी की वृद्धि के साथ 797.3 टन हो गई जो 2020 में 446.4 टन थी।
डब्ल्यूजीसी में क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘‘वर्ष 2021 ने सोने के बारे में पारंपरिक सोच की ताकत को फिर से प्रमाणित किया है और पुनरुद्धार में कई सबक दिए जो आने वाले वर्षों के लिए नीतिगत सोच को आकार देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की स्वर्ण मांग 79 प्रतिशत बढ़कर 797.3 टन हो गई, जो मुख्य रूप से चौथी तिमाही की 343 टन की असाधारण मांग का परिणाम है। यह मांग तीसरी तिमाही में व्यक्त किए गए हमारे अनुमान से भी आगे निकल गई और सबसे अच्छी तिमाही साबित हुई।’’
वर्ष 2022 के लिए सोमसुंदरम ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य यदि जारी रहता है और कोई विशेष व्यवधान नहीं आता है तो स्वर्ण की मांग करीब 800-850 टन रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सोने के आभूषणों की मांग पिछले वर्ष के मुकाबले 2021 में दोगुनी हो गई और महामारी से पहले के स्तर को भी लांघ कर छह वर्ष के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। चौथी तिमाही में 265 टन की रिकॉर्ड मांग रही।
मूल्य के आधार पर देखें तो आभूषणों की मांग 96 फीसदी की वृद्धि के साथ 2,61,140 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। 2020 में यह 1,33,260 करोड़ रुपये थी। कुल निवेश मांग 2021 में 43 फीसदी बढ़कर 186.5 टन हो गई। मूल्य के लिहाज से मांग 45 फीसदी की वृद्धि के साथ 79,720 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि देश में कुल स्वर्ण पुनर्चक्रण 21 फीसदी घटकर 75.2 टन रह गया। भारत में कुल स्वर्ण आयात 165 फीसदी बढ़कर 924.6 टन हो गया।