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Crude Oil की हाई प्राइस सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का कराएगी नुकसान!,उपभोक्ता पर क्या बढ़ेगा भार?

तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का बाजार मार्जिन काफी कमजोर हो गया है।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: October 07, 2023 16:51 IST
कच्चा तेल- India TV Paisa
Photo:REUTERS कच्चा तेल

बीते कई दिनों से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल (crude oil) उबाल पर है। कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं। इसका असर भारत में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)  पर पड़ने का खतरा बढ़ गया है। IANS की खबर के मुताबिक, मूडीज की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के प्रॉफिट में गिरावट देखने को मिल सकती है। मूडीज ने यह भी कहा कि क्योंकि भारत में अगले साल मई 2024 में लोकसभा चुनाव है तो कंपनियों पर इसका भार उपभोक्ता के ऊपर नहीं डालने का भी दबाव रहेगा।  

तेल कंपनियों का बाजार मार्जिन काफी कमजोर

खबर के मुताबिक, इन तेल कंपनियों (oil marketing companies) का बाजार मार्जिन काफी कमजोर हो गया है। अगस्त के बाद से डीजल पर मार्केटिंग मार्जिन निगेटिव हो गया है, जबकि पेट्रोल पर मार्जिन उसी पीरियड में काफी कम हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें (crude oil price) 85 डॉलर प्रति बैरल से लेकर 90 डॉलर प्रति बैरल के मौजूदा लेवल पर बनी रहती हैं, तो तीनों ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) की कमाई, जिनमें से सभी को बीएए3 स्टेबल रेटिंग हासिल है, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में कमजोर हो जाएगी। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर भी, इस प्राइस लिमिट पर पूरे साल की कमाई ऐतिहासिक स्तरों के साथ मुकाबले के लायक रहेगी।

तब दूसरी छमाही में घाटा शुरू हो जाएगा
अगर कच्चे तेल की कीमतें (crude oil price) लगभग 100 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ जाती हैं, तो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में घाटा शुरू हो जाएगा। मूडीज का कहना है कि हमारा मानना है कि वैश्विक विकास कमजोर होने के चलते तेल की ऊंची कीमतें लंबे समय तक कायम रहने की संभावना नहीं है। कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी सितंबर में कच्चे तेल की कीमत लगभग 17 प्रतिशत बढ़कर 90 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो जाने के बाद आई है, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में औसतन 78 डॉलर प्रति बैरल थी।

रिपोर्ट में पॉजिटिव बातों पर गौर किया जाए तो कहा गया है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (oil marketing companies) के क्रेडिट मेट्रिक्स वित्त वर्ष 2024 तक अच्छी स्थिति में रहेंगे। मजबूत बैलेंस शीट की मदद से तेल कंपनियां अपनी क्रेडिट गुणवत्ता बनाए रखेंगी। अगर सरकार की तरफ से अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाती है, तो इससे उनके क्रेडिट मेट्रिक्स को और सपोर्ट मिलेगा।

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