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Inflation Pinch: बढ़ती महंगाई से लोग खानपान में कटौती को मजबूर, इस देश में चिकन, अंडे और दूध के दाम 300% तक बढ़े

Inflation Pinch: तेल से लेकर चिकन तक की कीमतें बढ़ने से खानपान कारोबार से जुड़े प्रतिष्ठानों को भी दाम बढ़ाने पड़े हैं। इस वजह से लोगों को खानपान की चीजों के लिए 10-20 फीसदी तक ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 23, 2022 16:30 IST
Inflation Pinch- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Inflation Pinch

Inflation Pinch: दुनिया भर में आसमान छूती महंगाई के बीच लोगों को सबसे ज्यादा परेशान खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें कर रही हैं। विकासशील देशों के अलावा सिंगापुर जैसी उन्नत अर्थव्यवस्था वाला देश भी इसकी मार से अछूता नहीं है। वहीं ईरान में भी मई के महीने में चिकन, अंडे और दूध के दाम 300 फीसदी तक बढ़ चुके है। घरेलू कीमतों को काबू में करने के लिए कई देशों ने खाद्य निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। मलेशिया ने पिछले महीने जिंदा ब्रॉइलर चिकन के निर्यात पर रोक लगा दी। मलेशिया से बड़ी संख्या में पोल्ट्री का आयात करने वाला सिंगापुर भी इस फैसले से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

10-20 फीसदी तक ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा

तेल से लेकर चिकन तक की कीमतें बढ़ने से खानपान कारोबार से जुड़े प्रतिष्ठानों को भी दाम बढ़ाने पड़े हैं। इस वजह से लोगों को खानपान की चीजों के लिए 10-20 फीसदी तक ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को समान मात्रा की वस्तु के लिए या तो ज्यादा रकम देनी पड़ रही है या फिर अपने खानपान में कटौती करनी पड़ रही है। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र खाद्य कार्यक्रम लोगों को भोजन खरीदने के लिए नकद दे रहा है। बेरुत की रहने वाली ट्रेसी सलिबा कहती हैं, ‘‘मैं अब केवल आवश्यक सामान और भोजन ही खरीद रही हूं।’’ आर्थिक अनुसंधान एजेंसी कैपिटल इकोनॉमिक्स के मुताबिक उभरते बाजारों में खाद्य वस्तुओं की कीमतें इस वर्ष करीब 14 फीसदी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सात फीसदी से अधिक बढ़ी हैं।

अगले साल भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं

एजेंसी ने अनुमान जताया है कि अधिक मुद्रास्फीति के कारण विकसित बाजारों में इस साल और अगले साल भी खान-पान की वस्तुओं पर परिवारों को अतिरिक्त सात अरब डॉलर खर्च करने पड़ेंगे। विश्व खाद्य कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र की चार अन्य एजेंसियों की वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष 2.3 अरब लोगों को गंभीर या मध्यम स्तर की भूखमरी का सामना करना पड़ा।

सूडान में महंगाई 245 फीसदी की रिकाॅर्ड हाई पर

सूडान में हालात बेहद खराब हैं जहां मुद्रास्फीति इस वर्ष 245 फीसदी के अविश्वसनीय स्तर तक पहुंच सकती है। वहीं ईरान में भी मई के महीने में चिकन, अंडे और दूध के दाम 300 फीसदी तक बढ़ चुके है। अकाल, आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे, ऊर्जा के ऊंचे दाम और उर्वरक की कीमतों के कारण दुनियाभर में खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसकी ज्यादा मार विकासशील देशों के निम्न वर्ग के लोगों पर पड़ रही है और उनके लिए भरपेट खाने का इंतजाम कर पाना भी मुश्किल हो गया है।

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