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Know Your Customer: अब बार बार KYC के झंझट से मिलेगी मुक्ति, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया ये ऐलान

बैंकिंग, बीमा एवं पूंजी बाजारों में एकसमान केवाईसी के इस्तेमाल के मुद्दे पर पिछले सप्ताह वित्तीय नियामकों एवं वित्त मंत्री की बैठक में चर्चा हुई थी।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Sep 20, 2022 20:58 IST, Updated : Sep 20, 2022 20:58 IST
Nirmala Sitharaman- India TV Paisa
Photo:PTI Nirmala Sitharaman

Know Your Customer: बैंकिंग बीमा और अन्य वित्तीय कामकाज के लिए आपने भी कभी न कभी अपना केवाईसी यानि ग्राहक को जानो फॉर्म दाखिल जरूर किया होगा। लेकिन बात सिर्फ एक बार केवाईसी जमा करने की होती तो बात अलग होती। लेकिन हर जहग के लिए अलग अलग केवाईसी आपको उलझन में डाल सकती है। लेकिन अब जल्द ही आपको इससे राहत मिल सकती है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए एकसमान ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) को लागू करने की दिशा में काम चल रहा है। सीतारमण ने यहां फिक्की लीड्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक ही केवाईसी का विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था लागू करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। 

सिंगल केवाईसी आएगा हर जगह काम 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एक केंद्रीय संग्राहक है जो केंद्रीय केवाईसी का ध्यान रखता है। अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना केवाईसी जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए कई बार किया जा सके। आपको हर बार अलग संस्थानों में लेनदेन के लिए अपना केवाईसी नहीं देना होगा।’’ 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर 

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े नियामक सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे कारोबारी सुगमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। बैंकिंग, बीमा एवं पूंजी बाजारों में एकसमान केवाईसी के इस्तेमाल के मुद्दे पर पिछले सप्ताह वित्तीय नियामकों एवं वित्त मंत्री की बैठक में चर्चा हुई थी। साझा केवाईसी होने से आम आदमी के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग कागज जमा करने की बाध्यता खत्म होगी। 

UPI से 6.28 अरब लेनदेन 

सीतारमण ने कहा कि UPI के जरिये लेनदेन जुलाई में बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि 6.28 अरब लेनदेन किए गए। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में रोजाना होने वाले यूपीआई लेनदेन की संख्या को बढ़ाकर एक अरब पर पहुंचाने का इरादा है। 

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