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32 मिलीमीटर से लंबे रेशे वाले कपास के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी हुआ शून्य, सरकार ने इन पर घटाया शुल्क

शुल्क में कटौती से अमेरिका को भारतीय बाजार में दस्तक देने में मदद मिलेगी और भारत में इन उत्पादों की कीमतें कम होंगी। इस कदम से डब्ल्यूटीओ का हिस्सा बनने वाले अन्य देशों को भी लाभ होगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Feb 20, 2024 19:56 IST, Updated : Feb 20, 2024 19:56 IST
फैसले से कपास क्षेत्र में शामिल हितधारकों को जरूर फायदा पहुंचेगा।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY फैसले से कपास क्षेत्र में शामिल हितधारकों को जरूर फायदा पहुंचेगा।

सरकार ने ज्यादा लंबे रेशे वाले कपास के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी (सीमा शुल्क) से पूरी तरह छूट दे दी है। साथ ही आयातित ब्लूबेरी, क्रैनबेरी और फ्रोजन टर्की (एक तरह की बत्तख) के स्पेसिफाइड प्रोडक्ट्स पर शुल्क में कटौती कर दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में ब्लूबेरी और क्रैनबेरी पर इम्पोर्ट ड्यूटी 30 प्रतिशत से घटाकर कुछ मामलों में 10 प्रतिशत और दूसरे मामलों में पांच प्रतिशत कर दिया है।

इनपर इम्पोर्ट ड्यूटी 30 से घटाकर 5 प्रतिशत किया

खबर के मुताबिक, टर्की पक्षी के मांस और खाद्य अपशिष्ट से संबंधित आयात शुल्क भी 30 प्रतिशत से घटाकर मंगलवार से पांच प्रतिशत कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि फ्रोजन टर्की, विशिष्ट क्रैनबेरी और ब्लूबेरी और उनके प्रोसेस्ड उत्पादों पर शुल्क दर में यह बदलाव भारत और अमेरिका के बीच आपसी रूप से सहमत समाधान के बाद वाणिज्य विभाग की सिफारिशें लागू करने के लिए किया गया है।

नांगिया एंडरसन इंडिया फर्म में सह निदेशक (अप्रत्यक्ष कर) खुशबू त्रिवेदी ने कहा कि पिछले विवादों को ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत केंद्र सरकार ने इन उत्पादों पर आयात शुल्क कम कर दिया है।

ड्यूटी घटाने से कीमतें होंगी कम

त्रिवेदी ने कहा कि भारत में विरले ही पैदा होने वाली इन चीजों पर शुल्क में कटौती से अमेरिका को भारतीय बाजार में दस्तक देने में मदद मिलेगी और भारत में इन उत्पादों की कीमतें कम होंगी। इस कदम से डब्ल्यूटीओ का हिस्सा बनने वाले अन्य देशों को भी लाभ होगा। इसके अलावा मंत्रालय ने कपास उद्योग की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए 32 मिलीमीटर से लंबे कपास, जो धुना या साफ न किया गया हो, पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया है। त्रिवेदी ने कहा कि यह फैसला कपास उद्योग की चिंताओं का ध्यान रखने और आयात नियमों को उसके हिसाब से ढालने की सरकार की मंशा को दर्शाता है। सरकार ने कहा है कि इससे कपास क्षेत्र में शामिल हितधारकों को जरूर फायदा पहुंचेगा।

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