चीनी की कीमत न बढ़े, इसके लिए सरकार ने एक बार फिर इसके निर्यात पर लगी पांबदी को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। यानी अब देश से चीनी का निर्यात अगले साल 31 अक्टूबर तक नहीं हो पाएगा। चीनी के निर्यात पर रोक की समयसीमा इसी महीने के अंत में खत्म हो रही थी। जानाकरों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से चीनी की कीमत आम आदमी की पहुंच में रखने में मदद मिलेगी। इससे आसमान छूती महंगाई में आम लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से दी गई जानकारी
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से शुक्रवार शाम को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को 31 अक्टूबर, 2022 से आगे 31 अक्टूबर, 2023 या फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।
यूरोपीय संघ के निर्यात पर असर नहीं
हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी। इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है। भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है।