Highlights
- कोरोना के चलते हाउसिंग प्रोजेक्ट पर बुरा असर हुआ है
- ससबसे ज्यादा अवासीय प्रोजेक्ट घर दिल्ली-एनसीआर में अटके
- देशभर में करीब 5 लाख करोड़ के हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके
नई दिल्ली। देशभर में हजारों अटके प्रोजेक्ट में घर मिलने का इंतजार कर रहे लाखों होम बायर्स के लिए अच्छी खबर है। मोदी सरकार 2016 (रेरा आने) से पहले लॉन्च हुए आवासीय प्रोजेक्ट जिनका काम अधूरा है उनको पूरा करने के लिए समाधान योजना पर काम कर रही है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) में केंद्रीय सलाहकार परिषद (CAC) ने सरकार को रुकी हुई परियोजनाओं का समाधान निकालने के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी के तहत एक समिति गठित करने की सलाह देने की तैयारी में है। सीएसी 12 अप्रैल को बैठक में राज्यों के साथ इस मामले पर चर्चा करेगी।
दो महीने में अपना सुझाव देगी समिति
रुकी परियोजनाओं का समाधान करने के लिए गठिति समिति में वित्त मंत्रालय, MoHUA के प्रतिनिधि और ऐसे विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं जो रुकी हुई परियोजनाओं और दिवाला कार्यवाही से निपट रहे हैं। समिति अपने गठन के दो महीने के भीतर केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें देगी। गौरतलब है कि 2019 में सरकार ने रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के फंड की घोषण की थी।
करीब 5 लाख करोड़ के हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके
एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कुल 5.05 लाख करोड़ रुपये के हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके या रुके हुए हैं। इस देरी की मुख्य वजह कैश की किल्लत है। इससे बिल्डर और डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इससे उन लोगों के सामने दिक्कत होगी, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट में अपना घर बुक कराया है। आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रुके हैं। यहां पर 1 लाख 13 हजार 860 घर फंसे हैं। इनकी कुल वैल्यू 86 हजार 463 करोड़ रुपये है।