क्रेडाई के चेयरमैन ने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत ध्यान दे रही है और इससे आवास, कार्यालय, मॉल और भंडार गृह सहित रियल एस्टेट के सभी सेक्टर्स के लिए नए व्यावसायिक अवसर पैदा हो रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कुल मिलाकर आवासीय संपत्तियों की बिक्री 63 प्रतिशत बढ़कर 1,53,000 करोड़ रुपये हो गई जबकि 2023 में यह 94,143 करोड़ रुपये थी।
सीबीआरई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में सीमेंट, इस्पात और एल्युमीनियम की लागत में वार्षिक आधार पर क्रमशः 6-8 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पेंट की लागत स्थिर रही।
अपग्रेड होने के बाद हर बस टर्मिनल में ऑटोमैटिक टिकटिंग सिस्टम, वास्तविक समय के शेड्यूल के लिए डिजिटल डिस्प्ले, एसी वेटिंग लाउंज, चार्जिंग स्टेशन, एस्केलेटर, लिफ्ट और उन्नत सुरक्षा उपायों के साथ आरामदायक बैठने की सुविधा होगी।
ईडी के गुरुग्राम जोनल ऑफस ने फरीदाबाद और दिल्ली में दर्ज किए गए दर्जनों एफआईआर के आधार पर भूटानी ग्रुप और उसके प्रोमोटरों आशीष भूटानी और आशीष भल्ला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस शुरू किया था।
अगस्त, 2021 में कर्ज न चुका पाए घर खरीदारों को उचित अवसर देने के बाद एनबीसीसी को अब तक न बिक पाए फ्लैट बेचने की अनुमति दी गई थी।
एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विपुल रुंगटा ने भी उल्लेख किया था कि आवास की कीमतों में वृद्धि धीमी हो गई है।
प्रॉपर्टी बाजार में मांग बनी हुई है। इस मांग को तेज करने का काम स्टॉक मार्केट की सुस्त रफ्तार ने भी किया है। वक्त की नजाकत को समझते हुए रियल एस्टेट डेवलपर्स एक के बाद एक प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक समीर जसूजा ने बिक्री मूल्य में वृद्धि का श्रेय रियल एस्टेट परियोजनाओं की बढ़ती लागत को दिया, क्योंकि भूमि, श्रम और निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि हुई है।
पिछले साल 1,52,552 करोड़ रुपये की 1,78,771 यूनिट्स की बिक्री हुई है। जबकि, साल 2023 में यहां 1,27,505 करोड़ रुपये में 1,71,903 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। साल 2023 के मुकाबले 2024 में 4 प्रतिशत ज्यादा घर बिके हैं। इसी तरह, 2023 के मुकाबले 2024 में कुल सेल्स प्राइस 20 प्रतिशत बढ़ा है।
हाउसिंग बुलबुला तब होता है जब प्रॉपर्टी बाजार में कीमत तेजी से बढ़ती है। उसके बाद मूल्य में और भी तेजी से कमी आती है, जिसे ‘क्रैश’ या ‘बुलबुले का फटना’ कहा जाता है। हाउसिंग बबल किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं माना जाता है।
जायद नोमान ने कहा, “हम ये बात पूरे विश्वास के साथ कह रहे हैं क्योंकि इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट्स रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण (रेरा) के लिए ‘लॉग-इन’ हो चुकी हैं और अगले कुछ हफ्तों में पेश कर दी जाएंगी।”
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती करके इसे 6.25% करने का फैसला प्रीमियम रियल एस्टेट सेगमेंट के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। लगातार 11 बार रेट होल्ड करने के बाद, इस कटौती से आवास की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
अगर आप लोन पर घर लेने जा रहे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो बैंक आपको प्रॉपर्टी की कीमत का 90 प्रतिशत लोन दे सकते हैं। लेकिन यहां आपको समझदारी से फैसला लेते हुए ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करनी चाहिए। ताकि, आपकी जेब पर ऊंची और लंबे समय तक चलने वाली ईएमआई का ज्यादा बोझ न पड़े।
रियल एस्टेट में निवेश डूबने का खतरा नहीं होता है। पैसा हमेशा सुरक्षित रहता है। अगर आप ने सही प्रॉपर्टी की खरीदारी कि है तो लंबी अवधि में एक शानदार रिटर्न मिलना तय होता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रॉपर्टी बाजार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई ऐलान की है। इसका असर रियल्टी मार्केट पर दिखाई देगा।
Budget 2025 : वित्त मंत्री ने रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में एक लाख यूनिट्स को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का नया ‘स्वामी’ फंड बनाने की घोषणा की है।
यूपी सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जिले में 209 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में न्यू नोएडा को बसाने के लिए 80 गांवों को शामिल किया है। न्यू नोएडा का कुछ हिस्सा बुलंदशहर में भी होगा। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम. के मुताबिक नोटिफिकेशन में शामिल किए गए गांवों में अवैध निर्माण न करने के लिए चेतावनी वाले बोर्ड लगाए जा रहे हैं।
किसी प्रोजेक्ट के लिए, डेवलपर्स को एनएचएआई, एएआई, अग्निशमन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि जैसे विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्राधिकरणों से कई अनापत्ति प्रमाण पत्र/अनुमोदन/अनुमति लेने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की मांग है।
डीएलएफ समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अशोक त्यागी ने शनिवार को कहा था कि इस विशिष्ट पेशकश के लिए काफी मजबूत मांग देखने को मिल रही है। मार्केट कैप के लिहाज से डीएलएफ देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है।
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