पिछले साल 1,52,552 करोड़ रुपये की 1,78,771 यूनिट्स की बिक्री हुई है। जबकि, साल 2023 में यहां 1,27,505 करोड़ रुपये में 1,71,903 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। साल 2023 के मुकाबले 2024 में 4 प्रतिशत ज्यादा घर बिके हैं। इसी तरह, 2023 के मुकाबले 2024 में कुल सेल्स प्राइस 20 प्रतिशत बढ़ा है।
हाउसिंग बुलबुला तब होता है जब प्रॉपर्टी बाजार में कीमत तेजी से बढ़ती है। उसके बाद मूल्य में और भी तेजी से कमी आती है, जिसे ‘क्रैश’ या ‘बुलबुले का फटना’ कहा जाता है। हाउसिंग बबल किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं माना जाता है।
अगर आप लोन पर घर लेने जा रहे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो बैंक आपको प्रॉपर्टी की कीमत का 90 प्रतिशत लोन दे सकते हैं। लेकिन यहां आपको समझदारी से फैसला लेते हुए ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करनी चाहिए। ताकि, आपकी जेब पर ऊंची और लंबे समय तक चलने वाली ईएमआई का ज्यादा बोझ न पड़े।
रियल एस्टेट में निवेश डूबने का खतरा नहीं होता है। पैसा हमेशा सुरक्षित रहता है। अगर आप ने सही प्रॉपर्टी की खरीदारी कि है तो लंबी अवधि में एक शानदार रिटर्न मिलना तय होता है।
यह संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा और इसके बाद कर निर्धारण वर्ष 2025-26 से लागू होगा। यह क्लेम वर्तमान में करदाता केवल कुछ शर्तों को पूरा करने पर ही कर सकेंगे।
रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले 4 सालों में जबरदस्त तेजी रही है। इसके चलते प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ा उछाल आय है। हालांकि, 2025 में इसमें थोड़ी सुस्ती दिखेगी। प्रॉपर्टी की मांग बनी रहेगी लेकिन कीमत में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल आवास बिक्री छह प्रतिशत घटकर 61,900 इकाई रह गई, जो 2023 में 65,625 इकाई थी
घरों की मांग लगातार कम हो रही है। इसकी वजह प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमत है। एंड यूजर्स चाह कर भी आशियान खरीद नहीं पा रहा है।
फाइनेंशियल बर्डन से बचना चाहते हैं तो अपने बजट के हिसाब से घर खरीदें। घर खरीदने के लिए एक बजट तय करें। साथ ही यह भी तय करें कि आपको कितने बड़े घर या कितने बड़े साइज के फ्लैट की नीड है।
मुंबई मेट्रो रीजन 2024 में लगभग 1,55,335 इकाइयों की बिक्री के साथ सबसे अधिक बिक्री देखी गई। बेंगलुरू में भी आवास बिक्री में 2% की मामूली वार्षिक वृद्धि देखी गई। वहीं, NCR 2024 में में घरों की बिक्री घटकर 61,900 रहने का अनुमान है।
कानून के मुताबिक कोई अगर माता-पिता अपनी खुद की कमाई से अर्जित की गई पूरी प्रॉपर्टी अपनी शादीशुदा बेटी को दे सकते हैं और ऐसी स्थिति में उनका बेटा यानी लड़की का भाई कुछ नहीं कर सकता है। हालांकि, पैतृक संपत्ति के मामले में भाई और बहन अपने पिता की प्रॉपर्टी में बराबर के हिस्सेदार होते हैं।
सेबी ने कहा कि नीलामी 27 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। नियामक ने बोली लगाने वालों से कहा है कि वे बोली लगाने से पहले देनदारियों, मुकदमों, नीलामी में रखी गई संपत्तियों के टाइटल और दावों के बारे में स्वतंत्र जांच कर लें।
प्रॉपइक्विटी के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर में मकान की कीमतों में 2019 से 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 और सितंबर, 2024 के बीच नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में घरों की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गईं हैं।
अगर आपने कोई प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट के लिए खरीदी है और अब उसे बेचकर शानदार रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
माधुरी दीक्षित ने मुंबई के अपस्केल लोअर परेल इलाके में भी 48 करोड़ रुपये का अपार्टमेंट खरीदा था। इंडियाबुल्स ब्लू प्रोजेक्ट में स्थित यह संपत्ति 28 सितंबर, 2022 को रजिस्टर की गई है। 53वीं मंजिल पर स्थित अपार्टमेंट का क्षेत्रफल 5,384 वर्ग फुट है।
कुछ मामलों में प्रॉपर्टी का टाइटल पूरी तरह से क्लीयर नहीं रहता है। उदाहरण के लिए अगर प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी विवाद या स्वामित्व के मुद्दे हैं, तो नए खरीदार को नीलामी के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी लंबी कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।
जेएलएल इंडिया ने कहा कि रेसिडेंसिल यूनिट की बिक्री अच्छी बनी हुई है और 2024 में नौ महीने (जनवरी-सितंबर) की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। घरों की कीमत में इस साल काफी तेजी देखने को मिली है। दिल्ली-एनसीआर में कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी हैं।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई। इसके बाद बेंगलुरू में 24 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई।
नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि आवासीय बाजार में आशावाद कायम है क्योंकि 62 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कीमतों में वृद्धि की उम्मीद जताई है जबकि 40 प्रतिशत को बिक्री बढ़ने और 38 प्रतिशत को बाजार स्थिरता की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक हिंदू धर्म में पैदा होने वाली लड़की अपने जन्म के साथ ही अपने पापा की प्रॉपर्टी में बराबरी की हिस्सेदारी होती है। ये नियम हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध, सिख, जैन समाज के लिए भी लागू होता है।
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