Highlights
- पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अप्रैल में बढ़कर 57.9 पर पहुंच गया
- मार्च में यह 53.6 पर था जो बढ़ती कीमतों के दबाव के बावजूद विस्तार को दर्शाता है
- 50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी को सूचित करता है जबकि 50 से नीचे गिरावट को
PMI: कारोबारी गतिविधियों में तेजी आने और उससे रोजगार में नए सिरे से वृद्धि होने से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार आया है। इसके चलते अप्रैल महीने में यह पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। मौसमी रूप से समायोजित एसऐंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अप्रैल में बढ़कर 57.9 पर पहुंच गया। मार्च में यह 53.6 पर था जो बढ़ती कीमतों के दबाव के बावजूद नवंबर के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है। यह लगातार नौंवा महीना है जब सेवा क्षेत्र में उत्पादन में विस्तार देखा गया है।
50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी के संकेत
‘परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स’ (पीएमआई) 50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी को सूचित करता है जबकि 50 से नीचे गिरावट को बताता है। एसऐंडपी ग्लोबल की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पॉलिएना डि लीमा ने कहा, सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआई आंकड़े ज्यादातर उत्साजनक हैं, वहीं मांग बढ़ने से नए कारोबारी प्रवाह और उत्पादन को मजबूती मिली। सर्वे में कहा गया कि निर्माण लागत के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बावजूद भारतीय सेवा क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार लगातार बनी हुई है। बिक्री मूल्य जुलाई 2017 के बाद से सबसे तेज दर से बढ़ा है और मुद्रास्फीति बढ़ने से उपजी चिंताओं से कारोबारी भरोसा भी डगमगा रहा है।
आसमान छूती महंगाई ने असर डाला
लीमा ने कहा, सेवा प्रदाताओं का कहना है कि उन्हें भोजन, ईंधन और कच्ची सामग्री के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है, कुछ ने कहा कि वेतन लागत बढ़ने से कुल खर्च भी बढ़ा है। मुद्रास्फीति की कुल दर सर्वे की शुरुआत के बाद से दूसरी बार के उच्चतम स्तर पर है जिससे कंपनियों को बिक्री मूल्य बढ़ाना पड़ रहा है। सर्वे में कहा गया कि कोविड-19 की पाबंदियां हटने से उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ गई और इस तरह मांग में भी काफी इजाफा हुआ है। रोजगार के मोर्चे पर कंपनियों ने अप्रैल में भर्ती जारी रखी और नंवबर के बाद से रोजगार में पहली बार वृद्धि हुई है। जिन कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मियों को काम पर रखा उन्होंने कहा कि इसकी वजह नए कारोबार में जारी वृद्धि है। इस बीच समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च के 54.3 से बढ़कर अप्रैल में 57.6 हो गया जो बीते पांच महीनों में सबसे तेज वृद्धि को दर्शाता है।