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Home and Car Loan: महंगाई का इलाज भी महंगाई! लगातार चौथी बार रेपो दर बढ़ा लोन महंगा करेगा RBI: विशेषज्ञ

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है।

Sachin Chaturvedi Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: September 25, 2022 16:44 IST
RBI Repo Rate- India TV Paisa
Photo:FILE RBI Repo Rate

Home and Car Loan: महंगाई के मर्ज का इलाज एक और महंगाई! होम और कार लोन ले चुके लोन रिजर्व बैंक से यही सवाल पूछ रहे हैं। आम लोग चाहें जो भी दलील दें, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक महंगाई रोकने के उपाय के रूप में लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाने की तैयारी कर चुका है। बता दें कि अगले सप्ताह रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करने जा रहा है। 

मई से 1.4 प्रतिशत बढ़ चुका है रेपो रेट 

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 30 सितंबर को रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकती है। ऐसा होने पर रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी। 

थम नहीं रही महंगाई 

रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने का असर फिलहाल महंगाई पर होता नहीं दिख रहा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में मई से नरमी आने लगी थी लेकिन यह अगस्त में सात प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। आरबीआई अपनी द्विवार्षिक मौद्रिक नीति बनाते वक्त खुदरा महंगाई पर गौर करता है। आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू होगी और दरों में परिवर्तन पर जो भी निर्णय होगा उसकी जानकारी शुक्रवार 30 सितंबर को दी जाएगी। 

Inflation

Image Source : FILE
Inflation

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस: मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के लगभग बनी रहने वाली है और ऐसे में दरों में वृद्धि होना तय है। रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि का मतलब है कि आरबीआई को यह भरोसा है कि मुद्रास्फीति का सबसे खराब दौर बीत चुका है। वहीं विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि भी की जा सकती है। आरबीआई का काम यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे। 

हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल: ऊंची मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए चिंता का प्रमुख कारण है और दरों में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ाएंगे। हालांकि, हमारा मानना है कि इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति की मांग बनी हुई है। बल्कि त्योहारों के दौरान तो मांग और बढ़ने वाली है। भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी विशेष रिपोर्ट में कहा था कि दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि तय है। उसने कहा था कि रेपो की सर्वाेच्च दर 6.25 प्रतिशत तक जाएगी और अंतिम वृद्धि दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में 0.35 प्रतिशत की होगी।

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