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टाटा के धोलेरा प्लांट से पहली चिप बनकर कब आएगी बाहर, अश्विनी वैष्णव ने बताया, जानें पूरी बात

कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है। टाटा की असम फैसिलिटी 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनाई जाएगी।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published on: March 13, 2024 14:38 IST
केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव।- India TV Paisa
Photo:FILE केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव।

केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सेमीकंडक्टर का पहला सेट दिसंबर 2026 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट से निकलना शुरू हो जाएगा। टाटा समूह और सीजी पावर चिप संयंत्रों के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए, वैष्णव ने कहा कि भारत 2029 तक दुनिया के टॉप पांच चिप इकोसिस्टम में से एक होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धोलेरा प्लांट से पहली चिप दिसंबर 2026 में आएगी और माइक्रोन प्लांट से चिप दिसंबर 2024 तक आएगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वैष्णव ने कहा कि टाटा का धोलेरा प्लांट 28, 50, 55 नैनोमीटर नोड में चिप्स बनाएगा।

1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश

खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तीन चिप प्लांट की नींव रखी। दो यूनिट टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एक यूनिट सीजी पावर द्वारा है। दोनों को मिलाकर कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इन तीन संयंत्रों में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का देश का पहला हाई-टेक चिप विनिर्माण संयंत्र शामिल है, जिसे कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है।

इन क्षेत्रों की जरूरत पूरा करेंगे ये चिप्स

प्लांट की क्षमता प्रति माह 50,000 वेफर्स का उत्पादन करने की होगी और इसमें 91,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल होगा। केंद्र समान आधार पर पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत योगदान देगा। एडवांस टेक्नोलॉजी संचालित ये चिप्स कई क्षेत्रों - इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पावर प्रबंधन चिप्स को पूरा करेंगे। सेमीकंडक्टर एक बुनियादी उद्योग है जो जीवन के लगभग सभी पहलू को छूता है, फ्रिज से लेकर एसी और कारों, विमान से लेकर ट्रेनों तक सब कुछ बिजली प्रदान करता है। पीएम ने असम के जगीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की एक और नई असेंबली और परीक्षण सुविधा की भी नींव रखी।

27,000 से अधिक नौकरियां

टाटा की असम फैसिलिटी 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनाई जाएगी और इस क्षेत्र में 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। यह पूर्वोत्तर में भारत की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट होगी। टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (टीएसएटी) प्रति दिन 48 मिलियन चिप्स की क्षमता के साथ फ्लिप चिप और आईएसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) टेक्नोलॉजी सहित स्वदेशी एडवांस सेमीकंडक्टर पैकेजिंग टेक्नोलॉजी का विकास करेगा। इनके लिए टारगेटेड सेगमेंट ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन सहित अन्य होंगे।

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