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क्या होगा कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया और उसके 23 करोड़ ग्राहकों का ? कोटक की रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

टैरिफ रेट में बढ़ोतरी के बिना वोडाफोन आइडिया जरूरी निवेश और 5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पा रही है। कंपनी पर भारी कर्ज है, वहीं वह सरकार को स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाने में भी असफल रही है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: March 28, 2023 15:27 IST
Vodafone Idea- India TV Paisa
Photo:FILE Vodafone Idea

भारत के टेलिकॉम सेक्टर में जियो, एयरटेल के बाद सिर्फ वोडाफोन आइडिया ही बची हैं। लेकिन लगातार घाटा सह रही वोडाफोन आइडिया पर अब बंदी की तलवार लटकने लगी है। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वोडाआइडिया के सामने मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। वहीं बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच कंपनी के ग्राहक भी तेजी से घट रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते संकट के कारण संभावना यह भी है कि कंपनी अपने ऑपरेशन भी बंद कर सकती है। 

छिटक रहे कंपनी के ग्राहक

टैरिफ रेट में बढ़ोतरी के बिना वोडाफोन आइडिया जरूरी निवेश और 5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पा रही है। कंपनी पर भारी कर्ज है, वहीं वह सरकार को स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाने में भी असफल रही है। कंपनी पर टावर नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनी का भी भारी कर्ज है, जिसने कंपनी को सेवा समाप्त करने की धमकी दी थी। नियमों के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों को भारत में अपना कामकाज बंद करने से पहले ग्राहकों को कम से कम 30 दिन का एडवांस नोटिस देना होता है। इस बारे में टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई को 60 दिन पहले नोटिस देना होता है।

दाम न बढ़ा पाने के कारण बढ़ रहा घाटा

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘टैरिफ रेट्स में बढ़ोतरी में देरी से वोडाफोन आइडिया पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसे में उसका बाजार में टिके रहना कठिन हो रहा है। वोडाफोन के बाहर जाने से दो कंपनियों के एकाधिकार की स्थिति पैदा होगी। इसमें कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया को 4जी दायरा बढ़ाने और 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है। ब्रोकरेज कंपनी ने वोडाफोन आइडिया की रेटिंग भी निलंबित कर दी है। उसने साफ किया है कि 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज और बाजार हिस्सेदारी में कमी की आशंका को देखते हुए कोष जुटाना कंपनी के लिए टेढ़ी खीर है। 

क्यों आई ऐसी नौबत

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कंपनी ने निवेश नहीं किया, तो उसकी बाजार हिस्सेदारी घटती जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वोडाफोन आइडिया को अगले 12 माह 5,500 करोड़ रुपये की नकदी की कमी का सामना करना पड़ सकता है और दरें नहीं बढ़ने या पूंजी जुटाने में देरी से उसे अपना परिचालन भी बंद करना पड़ सकता है।’ अगर कोई ग्राहक अपना नंबर रीटेन करना चाहता है तो उसके पास किसी और सर्विस प्रोवाइडर के पास जाने का विकल्प है। वह नया मोबाइल कनेक्शन भी ले सकता है। 

ग्राहकों का क्या होगा

31 दिसंबर, 2022 के आंकड़ों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया के देश में करीब 23 करोड़ ग्राहक हैं। यह कस्टमर बेस के हिसाब से देश की तीसरी और दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। सवाल यह है कि अगर कंपनी बंद हुई तो ग्राहकों का क्या होगा। ग्राहकों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। अगर कंपनी अपना कामकाज बंद करती है तो ग्राहकों को दूसरी टेलिकॉम कंपनियों में पोर्ट करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। 

अगले साल से दाम बढ़ाएंगी टेलिकॉम कंपनियां 

घरेलू ब्रोकरेज कंपनी कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया है कि टेलिकॉम कंपनियां अगले साल आम चुनाव के बाद शुल्क दरें बढ़ाना शुरू करेंगी। बढ़ती महंगाई और 5जी को रोलआउट करने की लागत के चलते टेलिकॉम कंपनियां फिलहाल काफभ् दबाव में हैं। 

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