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Coronavirus: लोअर सर्किट के बाद सेंसेक्स 3600 से ज्यादा अंक लुढ़का, निफ्टी 8 हजार के नीचे

सेंसेक्स के कारोबार में 10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आने के बाद ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी गई। फिलहाल सेंसेक्स में 36 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: March 23, 2020 12:31 IST
Sensex, Nifty- India TV Paisa

Sensex 

मुंबई/नई दिल्ली। कोरोना वायरस के देश में बढ़ते मामलों और देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के बीच आज सोमवार (23 मार्च 2020) को भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में 10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आने के बाद लोअर सर्किट लग गया, ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी गई। दुनिया भर के शेयर बाजारों पर कोरोना का कहर जारी है।लोअर सर्किट के बाद भारतीय शेयर बाजार में फिर से जब कारोबार शुरू हुआ तो सेंसेक्स 3600 से ज्यादा अंक लुढ़क गया और निफ्टी 8 हजार के नीचे पहुंच गया।

दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर सेंसेक्स 3642.88 अंक (12.18 प्रतिशत) टूटकर 26,273.08 पर पहुंच गया। इसी तरह निफ्टी भी 1,033.45 अंक (11.82 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 7,712.00 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। कोरोना वायरस बढ़ने के कारण रविवार को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का एलान किया था। इसके बाद कई राज्यों ने 31 मार्च तक लॉकडाउन करने की घोषणा की है। 

सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 2307 अंकों की भारी गिरावट के साथ 27,608.80 पर खुला। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी करीब 800 अंकों की गिरावट के साथ 7945 पर खुला। 

बता दें कि, बीते शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भारी उतार-चढ़ाव के साथ हुई थी। सेंसेक्स 5.75 फीसदी या 1627.73 अंक मजबूत होकर 29,915.96 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी की बात करें तो ये 482 अंक या 5.83 फीसदी मजबूत होकर 8,745 अंक पर बंद हुआ था।

लोअर सर्किट का मतलब है बाजार का बेहद बुरा समय

जुलाई 2001 की सेबी की गाइडलाइन के बाद सर्किट की शुरुआत हुई थी। भारतीय शेयर बाजार में अचानक आए बड़े उतार-चढ़ाव को थामने करने के लिए सर्किट लगाया जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अपर सर्किट और लोअर सर्किट। अपर सर्किट तब लगाया जाता है, जब बाजार एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है। और जब उसी सीमा से ज्यादा घटता है तो लोअर सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है। सेबी ने सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट 10, 15 और 20 प्रतिशत तय की है। यानी उस वक्त बाजार जितने पर है, उसका 10, 15 और 20 प्रतिशथ घटने-बढ़ने पर सर्किट लगता है। पिछले 15 दिन में बाजार में तेज गिरावट के बाद दो बार लोअर सर्किट लगाना पड़ा है। 

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