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Stock Market में बड़ी गिरावट से 3 दिनों में निवेशकों की संपति 6.77 लाख करोड़ रुपये घटी, आज 4.90 लाख करोड़ का नुकसान

साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स में 741.87 अंक या 1.26 प्रतिशत तथा निफ्टी में 203.50 अंक या 1.16 प्रतिशत की गिरावट आई है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 23, 2022 18:48 IST, Updated : Sep 23, 2022 18:48 IST
stock market investors - India TV Paisa
Photo:PTI stock market investors

Stock Market में शुक्रवार को आई बड़ी गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति 4.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक घट गई। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,020.80 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,098.92 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,137.77 अंक तक गिर गया था। इसी के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,90,162.55 करोड़ रुपये घटकर 2,76,64,566.79 करोड़ रुपये रह गया। शेयर बाजार में यह लगातार तीसरे दिन गिरावट आई है और इस दौरान बीएसई सूचकांक 1,620.82 अंक यानी 2.71 प्रतिशत लुढ़क गया है। पिछले तीन दिनों में निवेशकों की संपत्ति 6,77,646.74 करोड़ रुपये घटी है।

रुपया टूटने से शेयर बाजार में आई बिकवाली

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के पहली बार 81 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने से भी स्थानीय शेयर बाजार प्रभावित हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड के शेयर में सबसे अधिक 7.93 प्रतिशत की गिरावट हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ केवल सन फार्मा, टाटा स्टील और आईटीसी के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।

मौजूदा अस्थिरता कुछ समय के लिए बनी रह सकती

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अमेरिका के दस वर्षीय बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और मजबूत डॉलर सूचकांक ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को उभरते बाजारों में बिकवाली के लिए मजबूर किया।" उन्होंने कहा, "बैंकिंग प्रणाली में नकदी की कमी, कमजोर घरेलू मुद्रा और मौजूदा प्रीमियम मूल्यांकन ने छोटी अवधि के लिए बाजार परिदृश्य में मंदी की आशंका पैदा कर दी है।" नायर ने कहा, "कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति में आक्रामक रूख अपनाने से वैश्विक आर्थिक वृद्धि मंदी की स्थिति में हैं, जबकि भारत वर्तमान में ऋण वृद्धि में तेजी और कर संग्रह में बढ़ोतरी के साथ बेहतर स्थिति में है। मौजूदा अस्थिरता कुछ समय के लिए बनी रह सकती है। निवेशक तब तक प्रतीक्षा करें, जब तक कि स्थिति कुछ स्पष्ट न हो जाए।" साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स में 741.87 अंक या 1.26 प्रतिशत तथा निफ्टी में 203.50 अंक या 1.16 प्रतिशत की गिरावट आई है। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा कि घरेलू इक्विटी बाजारों में मुख्य रूप से विदेशी बाजारों और विशेष रूप से अमेरिका के घटनाक्रम के मद्देनजर कम कारोबार हुआ।

वैश्विक बाजारों में भी गिरावट

इसके अलावा व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 2.28 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 1.92 प्रतिशत लुढ़क गया। अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन और स्विटजरलैंड सहित अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट आई है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को गिरावट रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.87 प्रतिशत गिरकर 88.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

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