नई दिल्ली। फसलों में बाढ़, सूखा या ऐसी ही किसी भी वजह से हुए नुकसान का असर कम करने के लिये सरकार के द्वारा चलाई जा रही फसल बीमा योजना अब स्वैच्छिक हो गयी है। ऐसे में जो किसान इस सेवा का प्रीमियम नहीं चुकाना चाहते या फिर इस सेवा का फायदा लेना चाहते हैं उनके जल्द से जल्द इस बारे में कदम उठाना होगा। दरअसल फसल बीमा योजना में शामिल होने या फिर इससे बाहर निकलने की अंतिम तिथि 24 जुलाई है।
स्कीम से बाहर निकलने वाले दें लिखित में सूचना
किसानों की मांग के बाद से मोदी सरकार ने खरीफ-2020 से इसे स्वैच्छिक कर दिया है। ऐसे में किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान जो बीमा नहीं लेना चाहते और उनके खातों से प्रीमियम सीधे कट रहा है उन्हें इसके बारे में बैंक को लिखित में सूचना देनी होगी। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक ऑटोमेटिक केसीसी लोन की रकम से पीएम बीमा फसल बीमा का प्रीमियम काट लेगा और किसान का नुकसान हो जाएगा। सरकार ने सभी बैंक अधिकारियों से कहा है कि जिस भी फसल का प्रीमियम का पैसा बैंक अकाउंट से सीधे काटा जा रहा है, उसकी जानकारी किसान को होनी चाहिए। ये रकम प्रति एक लाख प्रीमियम पर करीब 2000 रुपये तक होगी।
अभी तक नहीं लिया है फायदा तो जल्द करें आवेदन
अगर आप इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो आपको अंतिम ताऱीख से पहले आवेदन करना होगा। धानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल को सुरक्षित करने के लिए किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से फॉर्म ले सकते हैं। अगर आप फॉर्म ऑफलाइन लेना चाहते हैं तो अपने नजदीकी बैंक की ब्रांच में जाकर PM फसल बीमा योजना का फॉर्म भर सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आप PMFBY की वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/) पर जा सकते हैं। एप्लीकेशन के साथ फोटो आईडी, सरपंच या पटवारी से बुवाई के संबंध में दस्तावेज आदि लगाने होंगे।
क्या है ये योजना
पीएम फसल बीमा योजना का उद्देश्य किसानों की फसल को बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई करना है। साल 2021 की खरीफ सीजन (जुलाई-सितंबर) में धान, मक्का, बाजरा, कपास तथा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी फसलों का बीमा कराया जा सकता है। पीएम फसल बीमा योजना में किसान बीमा लागत का सिर्फ 1.5-2% रकम चुकाता है और बाकी रकम केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर देती है। यानी आप कुल 1 लाख रुपये का बीमा करवाते हैं तो आपको सिर्फ 2 हजार रुपये प्रीमियम के तौर पर देने होंगे। सरकार के मुताबिक हर साल करीब 5.5 करोड़ किसान स्कीम से जुड़ते हैं। दिसंबर-2020 तक किसानों ने लगभग 19 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम भरा और मुआवजे के तौर पर किसानों को करीब 90 हजार करोड़ रुपये का भुगतान हुआ।
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