
KVIC says NITI Aayog urges states to adopt Commission's model to monetise land resources
नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने बताया कि केंद्र सरकार के थिंकटैंक नीति आयोग ने राज्यों से कहा है कि वे आयोग के मॉडल के आधार पर अपनी वन भूमि और कृषि भूमि पर चंदन और बांस की पौध लगाएं, साथ ही राज्यों में किसानों को भी ऐसे व्यावसायिक वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करें।
केवीआईसी ने एक बयान में कहा कि चंदन और बांस का वृक्षारोपड़, जो संपत्तियों के मौद्रिकरण और वित्तीय स्थायित्व के लिए केवीआईसी की अपनी तरह की पहली शुरुआत है, उसे पूरे देश में अपनाना चाहिए। आयोग के अनुसार नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने चार जुलाई को सभी मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में अपने राज्यों में चंदन और बांस के बागान लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि केवीआईसी की इस कवायद से दो उद्देश्य पूरे होंगे-विशाल भूमि संसाधानों से कुछ आमदनी होगी और किसानों को वित्तीय मजबूती के लिए चंदन और बांस की व्यावसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
केवीआईसी ने 262 एकड़ भूमि में फैले नासिक स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र में चंदन और बांस के पेड़ लगाए थे। इसी पृष्ठभूमि में कांत ने यह बात कही। केवीआईसी ने चंदन और अगरबत्ती बनाने में काम आने वाली बांस की विशेष किस्म बंबूसी टुल्डा के 500-500 पेड़ लगाए। केवीआईसी को 10-15 वर्षों में तैयार होने वाले चंदन के पेड़ों से 50 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जबकि बांस के पेड़ों से तीन साल बाद हर साल चार से पांच लाख रुपए मिलने का अनुमान है।