न्यूजीलैंड विश्व का प्रमुख डेयरी उत्पादक देश है और ऐसे में इस क्षेत्र में बाजार पहुंच बढ़ाने की उसकी मांग को लेकर भारत की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे, जबकि लगभग 815 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
कृषि क्षेत्र में जीएसटी में किए गए सुधारों से किसानों की लागत में कटौती होगी और सहकारी समितियों तथा किसान उत्पादक संगठन (FPO) को भी लाभ मिलेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को धोखाधड़ी से बचाना हमारी प्राथमिकता है। नकली और घटिया उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों की बिक्री पर सख्त रोक लगाई जानी चाहिए।
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि FY26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8% की दर से बढ़ेगी। ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के बावजूद घरेलू मांग, कृषि और सेवा क्षेत्रों की मजबूती से ग्रोथ पर असर सीमित रहेगा।
अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जबकि दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं।
भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 26.50 करोड़ टन से बढ़कर 2024-25 में अनुमानित 34.74 करोड़ टन हो गया है, जो कृषि उत्पादन में मजबूत वृद्धि दर्शाता है।
आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नैफेड और एनसीसीएफ के जरिये एमएसपी पर खरीद जारी है और बीते 25 मार्च तक इन राज्यों में कुल 2.46 लाख मीट्रिक टन अरहर की खरीद की गई है।
वेबिनार का मकसद हितधारकों को एक केंद्रित चर्चा में शामिल करना और 2025 के बजट घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रणनीति बनाना है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में पूर्ण बजट पेश कर रही है। इस दौरान उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है, जोकि पहले अधिकतम 2 लाख था।
Budget 2025 :बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना का ऐलान हुआ है। वहीं, बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा हुई है।
धर्मेंद्र मलिक ने सरकार से मांग की है कि एमएसपी का दायरा मौजूदा 23 उपज से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। मलिक ने इस मांग को समझाते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसा करती है तो किसानों को फसलों की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखा जा सकता है।
Budget 2025 : भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चिली और अमेरिका से अखरोट के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। देश में कुल अखरोट उत्पादन में 90 प्रतिशत से अधिक कश्मीर में होता है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार एग्री इनपुट्स पर वसूले जाने वाले जीएसटी में कटौती कर सकती है। अलग-अलग फसलों की खेती में इस्तेमाल होने वाले बीज और खाद पर अलग-अलग दरों से जीएसटी वसूला जाता है। किसानों की कमाई बढ़ाने की कोशिशों के तहत सरकार इन पर वसूले जाने वाले जीएसटी घटा सकती है।
Budget 2025 : केंद्र कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छह सूत्री रणनीति को लागू कर रहा है, जिसमें आईसीएआर द्वारा अनुसंधान के माध्यम से प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना और नई बीज किस्में जारी करना शामिल है।
वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जाएगा। इस संबंध में परामर्श के लिए आयोजित बैठक में सीतारमण के साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी योजना है। भारत में बहुत से किसान ऐसे हैं जिन्हें नहीं पता कि उन्हें अधिकतम उपज हासिल करने के लिए किस प्रकार की फसल उगानी चाहिए।
Budget 2025 : किसानों की मुख्य मांगों में कृषि ऋणों पर ब्याज दर को एक प्रतिशत तक कम करना और वार्षिक पीएम-किसान किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना शामिल था।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत की करीब 30 प्रतिशत भूमि की गुणवत्ता बढ़ती उर्वरक खपत, उर्वरकों के असंतुलित इस्तेमाल, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और गलत मृदा प्रबंधन प्रथाओं के कारण कम होती जा रही है।
एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की गई है।
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