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No-Cost EMI: किसी भी बैंक या NBFC से लेने से पहले इन 7 बातों को जान लें

नो-कॉस्ट ईएमआई उपभोक्ताओं के लिए एक लोकप्रिय और आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। जैसा कि नाम से पता चलता है, ये भुगतान योजनाएं बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज की मिलती है। हालांकि, हकीकत में ऐसा होता नहीं है। नो-कॉस्ट ईएमआई में कई कैच है, जिसे जानना जरूरी है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: April 13, 2024 10:46 IST
No cost EMi- India TV Paisa
Photo:FILE नो-कॉस्ट' ईएमआई

गैजेट या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीदारी कभी इतनी आसान नहीं थी जितनी आज है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ई-कॉमर्स या रिटेल दुकानों की ओर से आसान किस्तों में उपलब्ध कराई जा रही नो-कॉस्ट ईएमआई (समान मासिक किस्त) का विकल्प है। वर्तमान में तमाम कंपनियां अपनी सेल बढ़ाने के लिए ग्राहकों को नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प देती है। इसके तहत टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामान की खरीदारी पर एक मुश्त बड़ी राशि की जगह छोटी ईएमआई में विभाजित कर पैसा चुकाने का विकल्प मिलता है। 

नो-कॉस्ट ईएमआई उपभोक्ताओं के लिए एक लोकप्रिय और आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। जैसा कि नाम से पता चलता है, ये भुगतान योजनाएं बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज की मिलती है। हालांकि, हकीकत में ऐसा होता नहीं है। नो-कॉस्ट ईएमआई में कई कैच है, जिसे जानना जरूरी है। 

हिडन चार्ज

'नो-कॉस्ट' ईएमआई में हिडन चार्ज शामिल होता है जैसे, प्रोसेसिंग फीस, डाउन पेमेंट की रकम और अन्य प्रशासनिक शुल्क। इसलिए किसी भी बैंक या एनबीएफसी से 'नो-कॉस्ट' ईएमआई का विकल्प चुनने से पहले नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

चुनिंदा उत्पाद पर ही लागू 

नो-कॉस्ट ईएमआई आम तौर पर चुनिंदा उत्पादों पर लागू होता है।  इलेक्ट्रॉनिक्स, गैजेट और उच्च-मूल्य वाली वस्तुओं के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प आसानी से उपलब्ध होता है। ये ईएमआई सभी प्रकार की खरीदारी पर नहीं मिलती है। 

वित्तीय संस्थानों के साथ गठजोड़

नो-कॉस्ट ईएमआई की पेशकश करने वाले खुदरा विक्रेता अक्सर यह सेवा प्रदान करने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग करते हैं। अवधि और पात्रता मानदंड सहित ईएमआई की शर्तें, खुदरा विक्रेता और वित्तपोषण संस्थान के बीच साझेदारी के आधार पर भिन्न हो सकती हैं।

क्रेडिट स्कोर पर असर 

नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है। अगर आप समय पर ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाएंगे तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। 

डाउन पेमेंट 

नो-कॉस्ट ईएमआई ब्याज मुक्त होती है, फिर भी डाउन पेमेंट की आवश्यकता हो सकती है। 

चुकाने की बाध्यता 

नो-कॉस्ट ईएमआई में चुकाने की अवधि पहले से फिक्स होती है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए पुनर्भुगतान अवधि चुनने का लचीलापन सीमित हो जाता है। 

दूसरे विकल्पों को खंगाले

नो-कॉस्ट ईएमआई चुनने से पहले दूसरे विकल्पों को भी खंगाले। बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर कुल लागत कम हो सकती है। कुछ खुदरा विक्रेता छूट या कैशबैक ऑफ़र के साथ नो-कॉस्ट ईएमआई की पेशकश कर सकते हैं। हालाँकि, इन प्रोत्साहनों और ईएमआई की शर्तों के बीच कैच को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ छूट विशिष्ट भुगतान विधियों पर निर्भर हो सकती हैं।

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