A
Hindi News बिहार लालू के बड़े बेटे से सीखें बिहार के शिक्षा मंत्री! लोगों को सम्पूर्ण रामायण पढ़ने की नसीहत दे रहे तेज प्रताप

लालू के बड़े बेटे से सीखें बिहार के शिक्षा मंत्री! लोगों को सम्पूर्ण रामायण पढ़ने की नसीहत दे रहे तेज प्रताप

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सहित राजद के कई नेता रामचरित मानस के कई दोहों को लेकर इसका विरोध करते रहे हैं। मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे।

tej pratap yadav- India TV Hindi Image Source : TWITTER- @TEJYADAV14 तेज प्रताप यादव 'भरत मिलाप' कार्यक्रम में शामिल हुए।

पटना: राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं के विपरीत, लोगों को सम्पूर्ण रामायण पढ़ने की नसीहत दी है। तेज प्रताप छपरा में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम 'भरत मिलाप' में रविवार को शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बांसुरी बजाई। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टीवी और फिल्म वालों ने रामायण को वल्गर बना दिया है, लेकिन असली रामायण संपूर्ण रामायण में निहित है, जिसे सभी को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामायण का हर एक चरित्र लोगों को सीख देता है।

रामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री ने दिया था विवादित बयान
यह अलग बात है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सहित राजद के कई नेता रामचरित मानस के कई दोहों को लेकर इसका विरोध करते रहे हैं। चंद्रशेखर ने रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की थी। मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे। मंत्री ने अरण्य कांड की चौपाई पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा को लेकर कहा कि यह क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है? मंत्री ने कहा कि पिछली बार रामचरितमानस के सुंदरकांड के दोहे पर जीभ काटने की कीमत 10 करोड़ रुपये लगाई गई थी तो मेरे गले की कीमत क्या होगी?

Image Source : twitter- @TejYadav14तेज प्रताप यादव

पिता की कर्मभूमि से चुनाव लड़ने के मूड में तेज प्रताप?
इस बीच, तेज प्रताप ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान सारण से लोकसभा चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए। उनसे जब पत्रकारों से सारण से चुनाव लड़ने के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि फिलहाल तो वे मंत्री हैं।  यादव ने हालांकि यह भी कहा कि अगर जनता की डिमांड हुई तो वह सारण से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पब्लिक की डिमांड ही लोगों को नेता बना देती है। उल्लेखनीय है कि सारण लालू प्रसाद की कर्मभूमि रही है। लालू यादव पहली बार यहीं से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने थे।

यह भी पढ़ें-