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Hindi News बिहार सिर्फ एक फोन कॉल और विधवा बन गई सुहागन, इलाके में मच गई खलबली

सिर्फ एक फोन कॉल और विधवा बन गई सुहागन, इलाके में मच गई खलबली

स्वजनों का कहना है कि वीरेंद्र का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया गया था। इसके बाद श्राद्ध कर्म भी हो गया था। सुहाग की प्रतीक सामग्रियों को नदी में बहा दिया था जिसके बाद फूलमती विधवा जीवन जी रही थी। अब पति के जीवित लौट आने के बाद दोनों का परंपरागत तरीके से विवाह कराया जाएगा।

वीरेंद्र के लौट आने से...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV वीरेंद्र के लौट आने से उसकी पत्नी बहुत खुश है

बिहार के पश्चिम चंपारण के वीरेंद्र महतो को मृत समझकर स्वजनों ने 6 दिन पहले पुतला बनाकर अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म कर दिया था। लेकिन अचानक बीते 30 अगस्त को उसने अपने दामाद को फोन कर आश्चर्यचकित कर दिया। वीरेंद्र ने फोन पर कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हूं और अभी मेरे पास पैसे भी नहीं है, एक ग्वाला भाई की मदद से फोन पर बात हो रही है। इसके बाद तो परिवार के साथ-साथ पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। 31 अगस्त की सुबह में वीडियो कॉल पर बात कर परिजन संतुष्ट हुए और अब चित्रकूट से उसे लेकर घर वापस आ गए हैं। वीरेंद्र केरल में अपने रिश्तेदारों के साथ मजदूरी करने के लिए गया था। उसके साथ क्या हुआ था इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है लेकिन उसके लौट आने से उसकी पत्नी और अन्य स्वजन बहुत खुश है।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड के बेलवा लखनपुर गांव निवासी वीरेंद्र महतो 3 महीने पहले अपने रिश्तेदार शिकारपुर थाना क्षेत्र के लाली गढ़ैया निवासी बिट्टू कुशवाहा जो रिश्ते में वीरेंद्र के साली के पति है, उसके साथ मजदूरी करने के लिए केरल गया था। तिरुवनंतपुरम में वह एक चूना फैक्ट्री में काम कर रहा था। उसकी पत्नी फूलमती देवी ने बताया कि वह हर महीने घर खर्च के लिए पैसे भेजते थे। सप्ताह में फोन पर बात भी होती थी। बीते 24 जुलाई तक उनका फोन आया था सब कुछ ठीक था उन्होंने 2000 रुपए भी भेजे थे और घर परिवार का हाल-चाल भी लिया था। इसके बाद कोई बात नहीं हुई। 4अगस्त को साथ गए रिश्तेदार ने घर वालों को उनकी मौत की सूचना दी और कहां कि वीरेंद्र का श्राद्ध कर्म कर दीजिए वह नहीं हैं, मैं भी कुछ सहयोग कर दूंगा। लेकिन वीरेंद्र के साथ क्या हुआ इसकी जानकारी उसने नहीं दी। उसकी पत्नी पूछती रही लेकिन कुछ नहीं बताया।

Image Source : india tvपरिवार के साथ वीरेंद्र

आखिरकार 9 अगस्त को फूलमती लौरिया थाने पहुंच गई और थानेदार कैलाश कुमार को पूरी घटना की जानकारी दी। थाना अध्यक्ष ने कहा आरोपित शिकारपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है शिकारपुर थाना चले जाइए। वीरेंद्र की पत्नी ने शिकारपुर थाने में आवेदन दिया। वह यह जानना चाहती थी कि उसके पति के साथ क्या हुआ है लेकिन शिकारपुर पुलिस ने कुछ भी कार्रवाई नहीं की।

जिस पति की मौत से बनी थी विधवा, उसी के साथ सात फेरों की तैयारी
इसके बाद 31 अगस्त की इस तारीख ने एक घर में पसरे मातम को खुशियों में बदल दिया। दरअसल जिस वीरेंद्र का घर वाले मृत समझकर श्राद्ध कर चुके थे वह रविवार को सकुशल अपने घर लौट आया। वह यहां पहुंचते ही पत्नी, बच्चों और भाइयों के साथ लिपटकर फफक पड़ा। वीरेंद्र और फूलमती का अब दोबारा विवाह कराया जाएगा। गांव समाज के सुझाव पर यह निर्णय लिया गया है। स्वजनों का कहना है कि वीरेंद्र का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया गया था। इसके बाद श्राद्ध कर्म भी हो गया था। सुहाग की प्रतीक सामग्रियों को नदी में बहा दिया था जिसके बाद फूलमती विधवा जीवन जी रही थी। अब पति के जीवित लौट आने के बाद दोनों का परंपरागत तरीके से विवाह कराया जाएगा। इसके लिए जन्माष्टमी की तिथि निर्धारित की गई है। गांव के राम जानकी मंदिर में पुरोहित की उपस्थिति में विवाह होगा। इस दौरान धूम नगर मटियारिया स्थित उनके मायके से भी लोग पहुंचेंगे। ग्रामीणों के सहयोग से भोज का आयोजन भी किया जाएगा।

(रिपोर्ट- आलोक कुमार)

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