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Hindi News हरियाणा किसान आंदोलन के बीच 22 दिनों के बाद खुला अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे, वाहनों का आवागमन शुरू

किसान आंदोलन के बीच 22 दिनों के बाद खुला अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे, वाहनों का आवागमन शुरू

किसान आंदोलन के बीच आज अंबाला-चंडीगढ़ राजमार्ग को फिर से खोल दिया गया है। इस हाईवे को 22 दिनों के बाद खोला गया है। किसानों का विरोध अभी भी जारी है।

22 दिनों के बाद खुला अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे।- India TV Hindi Image Source : ANI 22 दिनों के बाद खुला अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे।

चंडीगढ़: किसानों के विरोध के बीच 22 दिनों के बाद आज अंबाला-चंडीगढ़ राजमार्ग फिर से खोल दिया गया है। बता दें कि बीते कई दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। पंजाब हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। इस बीच दिल्ली जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया। ऐसे में किसानों ने संभू बॉर्डर सहित दिल्ली जाने वाले अन्य रास्तों पर जमकर प्रदर्शन किया। फिलहाल स्थिति सामान्य बनी हुई है। किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत चल रही है। ऐसे में सामान्य हालातों को देखते हुए अंबाला-चंडीगढ़ राजमार्ग को खोल दिया गया है।

प्रदर्शन में किसान की हुई थी मौत

बता दें कि इस प्रदर्शन के दौरान ही पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में 21 फरवरी को हुई झड़प में शुभकरण (21) की मौत हो गई थी, जबकि 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। सीमा पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश के दौरान यह झड़प हुई थी। शुभकरण के शव का बठिंडा में उनके पैतृक स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया। दो दिन बाद, किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी 29 फरवरी तक हरियाणा-पंजाब की खनौरी और शंभू सीमा में डेरा डालना जारी रखेंगे। गुरुवार को भविष्य की रणनीति पर फैसला लेने की बात की गई थी, हालांकि किसान संघों ने अब तक कोई घोषणा नहीं की है। 

क्या है किसानों की मांग

बता दें कि पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे की मांग कर रहे हैं। हालांकि इसे लेकर किसानों का प्रदर्शन अभी भी जारी है।

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