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Hindi News हेल्थ Breast Cancer: डार्क कॉम्प्लेक्शन की महिलाओं में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानिए क्या कहती है स्टडी

Breast Cancer: डार्क कॉम्प्लेक्शन की महिलाओं में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानिए क्या कहती है स्टडी

Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। जामा ऑन्कोलॉजी द्वारा किए गए रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो डार्क कॉम्प्लेक्शन वाली महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है।

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा- India TV Hindi Image Source : SOURCE ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

Breast Cancer: इस बात से आप अच्छे से वाकिफ होंगे कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डार्क कॉम्प्लेक्शन की महिलाओं में इसका जोखिम अधिक होता है। जामा ऑन्कोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक शोध में इस बात की पुष्टि होती है। शोध में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि टीएनबीसी यानी ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित डार्क कॉम्पलेक्शन महिलाओं में लाइट कॉम्पलेक्शन महिलाओं की तुलना में 28 प्रतिशत ज्यादा तक जान जाने का खतरा होता है। यह शोध अफ्रिकी मूल की महिलाओं व White women के बीच किया गया है। अफ्रिकी महिलाओं में टीएनबीसी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका के वील कॉर्नेल मेडिसिन (Weill Cornell Medicine) द्वारा इसके पीछे की वजह जानने के लिए शोध किया गया। शोधकर्ताओं ने अफ्रिकी महिलाओं में स्तन कैंसर के पीछे जेनेटिक लिंक पाया।

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टीएनबीसी ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार का होता है, जिसमें टीएनबीसी एक है। इसे सबसे घातक माना गया है। सीडीसी के अनुसार, अन्य ब्रेस्ट कैंसर में तीन प्रकार के रिसेप्टर होते हैं। एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर। इनमें कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए हार्मोन थेरेपी और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, टीएनबीसी में ये रिसेप्टर नहीं होते और ये दवाएं भी बेअसर होती हैं। टीएनबीसी के इलाज के लिए डॉक्टर कीमोथेरेपी को बेहतर विकल्प मानते हैं। 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में इसके होने की संभावना अधिक होती है।

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ब्रेस्ट कैंसर का कैसे पता लगाएं?

  1. ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लगाने के लिए महिलाओं को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे स्तन में किसी भी तरह के परिवर्तन को सामान्य नहीं समझना चाहिए। समय-समय पर खुद से जांच करते रहना चाहिए। 
  2. सेल्फ एग्जामिनेशन के लिए अपनी बांहों को मोड़कर सिर के पीछे रखें। अब दूसरे हाथ की उंगलियों से ब्रेस्ट पर गोलाकार गति में हल्के हाथों से दबाएं और पता करें कि कोई गांठ तो नहीं है। साथ ही अगर इस दौरान आपको दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से परामर्श करें। निपल्स को दबाकर देखें यदि इनमें से किसी तरह का डिस्चार्ज होता है, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। 
  3. 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को साल में एक दफा रुटीन चेकअप के तौर पर मैमोग्राम व अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए। क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर का पहली स्टेज पर पता लगाने से इसे 100 प्रतिशत ठीक किया जा सकता है।

(Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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