गलत दवा से भी हो सकता है बच्चों के दिल में छेद, स्वामी रामदेव से जानिए हार्ट को सेहतमंद बनाने के कारगर उपाय
दिल में छेद होने के पीछे वंशानुगत कारण भी है। पैरेंट्स दिल में छेद की परेशानी को आसानी से पता लगा सकते हैं।
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि उसके नन्हे से बच्चे के दिल में छेद है। क्या आप जानते हैं कि दिल में छेद होना, इसका क्या मतलब होता है। दिल में छेद को इस तरह समझिए, ये एक स्ट्रक्चरल प्रॉब्लम है, जिसे मेडिकल की भाषा में जन्मजात हृदय रोग कहते हैं। दिल में छेद होने से ब्लड का नॉर्मल फ्लो बिगड़ जाता है। इससे हार्ट के इंटरनल वॉल खराब हो जाते हैं। कई बार तो वॉल्व के साथ धमनी में भी प्रॉब्लम आ जाती है। नतीजा, बच्चों की ग्रोथ तक रुक जाती है।
दिल में छेद होना एक तरीके का बर्थ डिफेक्ट है, जो कई बार डेफिशियेंसी की वजह से भी होता है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान गलत दवा, एल्कोहल या स्मोकिंग करने से हो जाता है। दिल में छेद होने के पीछे वंशानुगत कारण भी है। पैरेंट्स दिल में छेद की परेशानी को आसानी से पता लगा सकते हैं, जिस नवजात शिशु के दिल में छेद होता है, उसे फीडिंग के दौरान पसीने आते हैं। चेस्ट में सूजन रहती है। होंठ और नाखून नीले दिखने लगते हैं। बार-बार निमोनिया होना भी दिल में छेद का लक्षण है।
सूर्य उपासना करने से होगी हर बीमारी क्योर, स्वामी रामदेव से जानिए शरीर को फिट रखने का बेस्ट फॉर्मूला
भारत में 100 में से 1 बच्चे के दिल में छेद का पता चलता है, जबकि एडलट्स में दिल के छेद होने के मामले 5 फीसदी बढ़े हैं। मतलब बचपन से दिल में छेद था, लेकिन बड़े होने के बाद इसका पता चला। ऐसे में इस तरह के हालात से निपटने के लिए क्या योग करना चाहिए, ये स्वामी रामदेव ने बताया है, जिससे दिल की सेहत अच्छी हो और हमेशा दिल स्वस्थ रहे और धड़कता रहे।
दिल में छेद होने की वजह:
- डिफिशिएंसी
- गलत दवा
- एल्कोहल
- वायरल इंफेक्शन
- स्मोकिंग
- हेरिडिटी
दिल में छेद के लक्षण:
- ज्यादा पसीना
- होंठ-स्किन नीला
- चेस्ट में सूजन
- बार-बार निमोनिया होना
सेहतमंद बॉडी के लिए योगाभ्यास:
- शीर्षासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- चक्रासन
- सूर्य नमस्कार
- दंड बैठक
- भुजंगासन
- पश्चिमोत्तानासन
- पादवृत्तासन
- यौगिक जॉगिंग
ताड़ासन के फायदे:
- दिल की बीमारी में कारगर आसन है।
- गठिया में ताड़ासन बेहद कारगर योगासन।
- शरीर को लचीला बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है।
तिर्यक ताड़ासन के फायदे:
- रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है।
- कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
- कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
- वजन घटाने में मदद मिलती है।
- मन को शांत रखने में सहायक है।
कटि चक्रासन के फायदे:
- हार्ट को मजबूत करने में सहायक है।
- बुढ़ापे को दूर भगाता है।
- त्वचा में चमक आती है।
- कमर और रीढ़ मजबूत होती है।
- हाथों को मजबूत बनाता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे:
- सूर्य नमस्कार से हार्ट मजबूत होता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
- डिप्रेशन दूर करता है।
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।
- शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
- लिवर को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है।
उष्ट्रासन के फायदे:
- हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- शरीर का पोश्चर ठीक करता है।
- पाचन प्रणाली ठीक होती है।
- टखने के दर्द को दूर भगाता है।
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है।
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
- हार्ट को मजबूत बनाता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर में कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
भुजंगासन के फायदे:
- दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
- मजबूत लंग्स से सर्दी की बीमारी नहीं होती है।
- पेट से जुड़े रोगों में कारगर है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- आसन से लंग्स मजबूत होते हैं।
शशकासन के फायदे:
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
मर्कटासन के फायदे:
- दिल के रोगों में कारगर है।
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है।
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है।
- कमर दर्द में फायदेमंद है।
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है।
- दिल को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
पवनमुक्तासन के फायदे:
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- अस्थमा और साइनस में लाभकारी है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
लौकी कल्प:
- लौकी का सूप पिएं।
- सूप में काली मिर्च, अदरक और हल्दी डालकर खाने में लौकी की सब्जी खाएं।
हार्ट के लिए काढ़ा:
- अर्जुन की छाल 5 ग्राम
- दालचीनी 3 ग्राम लें।
- 400 ग्राम पानी में दोनों को उबाल लें।
- जब पानी उबलकर 100 ग्राम बच जाए
- तब दूध में डालकर पी लें।
सेहतमंद दिल के लिए आयुर्वेदिक औषधि:
- अकीक पिष्टी 10 ग्राम
- संगेयसव पिष्टी 10 ग्राम
- जहर मोहरा पिष्टी 10 ग्राम
- मोती पिष्टी 04 ग्राम
- योगेंद्र पिष्टी 01 ग्राम
- मिलाकर 60 पैकेज बनाएं।
- सुबह-शाम 1-1 पैकेट लें।
- हृद्यामृत 2-2 गोली लें।
- सुबह-दोपहर-शाम लें।
- खाने के बाद सेवन करें।
- हार्ट के ब्लॉकेज दूर होते हैं।
- इससे कोलेस्ट्रॉल ठीक होता है।
- एंजाइना पेन ठीक होता है।
बीपी कंट्रोल होगा:
- मुक्ता वटी खाली पेट 2 गोली चबाकर खाएं।
- खाने के बाद मेधावटी सुबह-शाम 2-2 गोली लें।
- साथ में अश्वगंधा सुबह-शाम 1-1 गोली लें।
डायबिटीज और थायराइड सहित अन्य जेनेटिक बीमारियों को जड़ से करें खत्म, स्वामी रामदेव से जानिए तरीका
सेहतमंद दिल के लिए:
- अंकुरित ज्यादा से ज्यादा लें।
- मल्टीग्रेन आटे का सेवन करें।
- कम मसाले वाली सब्जी लें।
- खाना चबा-चबाकर खाएं।
- हरड़ का उपयोग हार्ट और गैस्टिक में रामबाण
- शहद दिल को मजबूत बनाता है।
- अलसी हार्ट के लिए फायदेमंद है।
- सेब का जूस और आंवला से हार्ट मजबूत।
- बादाम खाने से हार्ट मजबूत होता है।
दिल को स्वस्थ रखने का तरीका:
- 3-5 कली लहसुन का रस।
- एक चम्मच अदरक का रस।
- एक चम्मच प्याज का रस।
- एक चम्मच नींबू का रस।
- सबको आग पर पका लें।
- आधे चम्मच शहद के साथ मिलाकर पिएं।
- गाढ़े खून की समस्या से निजात मिलेगी।
हेल्डी बॉडी के लिए सुपरफूड:
- अलसी
- हल्दी
- लहसुन
- दालचीनी
- अनार
- नींबू
- अंगूर
- तुलसी
- लौकी
- इलायची