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'लद्दाख विवाद के दौरान अमेरिका ने भारत को उपलब्ध करवाई सूचना और जरूरी उपकरण'- पेंटागन कमांडर

यूएस-इंडो पेसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने ताकतवर सीनेट आर्मड सर्विस कमेटी को मंगलवार को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चीन की हाल की गतिविधियों ने भारत की आंखें खोल दी हैं कि दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास का अर्थ अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए हो सकता है। उन्होंने महसूस किया कि नई दिल्ली बहुत कम समय में Quad के साथ अपने सहयोग को बढ़ा रहा है।

America helped India during conflict with china in ladakh shared information equipment 'लद्दाख विवाद- India TV Hindi Image Source : PTI 'लद्दाख विवाद के दौरान अमेरिका ने भारत को उपलब्ध करवाई सूचना और जरूरी उपकरण'- पेंटागन कमांडर

वाशिंगटन. पिछले साल लद्दाख में भारत और चीन के बीच हुए विवाद में अमेरिका ने भारत को मदद की थी। अमेरिका ने भारत को महत्वपूर्ण सूचना, ठंडे मौसम का सामना करने के लिए कपड़े और जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाए थे। पेंटागन के एक टॉप कमांडर ने अमेरिकी सांसदों को ऐसी जानकारी दी। पेंटागन के टॉप कमांडर ने कहा कि चीन अत्याधिक सैन्य क्षमता के जरिए इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है।

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यूएस-इंडो पेसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने ताकतवर सीनेट आर्मड सर्विस कमेटी को मंगलवार को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चीन की हाल की गतिविधियों ने भारत की आंखें खोल दी हैं कि दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास का अर्थ अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए हो सकता है। उन्होंने महसूस किया कि नई दिल्ली बहुत कम समय में Quad के साथ अपने सहयोग को बढ़ा रहा है।

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एडमिरल ने सांसदों से कहा, "आप जाते हैं कि भारत में लंबे समय से सामरिक स्वायत्तता नामक एक दृष्टिकोण था। दूसरों के साथ एक nonaligned अप्रोच, लेकिन मैं मानता हूं कि LAC पर चीन की गतिविधियों ने उनकी आखें खोल दी हैं कि  दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास का मतलब अपनी रक्षात्मक आवश्यकताओं के लिए हो सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि हमने विवाद के दौरान भारत को कुछ सूचना उपलब्ध करवाई, अत्याधिक ठंड से बचने के लिए कपड़े, कुछ उपकरण जैसा की हम पिछले कई सालों से कर रहे हैं। हम समुद्र में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं।

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आपको बता दें कि चीन ने पिछले साल अचानल लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी, जिसे सतर्क भारतीय फौज ने रोक दिया था। जून 2020 में दोनों देशों के बीच गलवान में हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें चीन को मुंह की खानी पड़ी थी। इस झड़प में चीन के 40 मारे गए थे जबकि भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि चीन ने सिर्फ चार ही सैनिकों के नाम सार्वजनिक किए। पिछले महीन पैंगोग झील इलाके से चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है।

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डेविडसन ने अमेरिकी सांसदों की कमेटी से आगे कहा कि आप निकट भविष्य में देखेंगे कि भारत अपनी non-aligned approach को अपनाए रखने के साथ Quad के साथ सहयोग भी बढ़ाएगा। Quad में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान शामिल हैं। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन Quad के पहले लीडर्स समिट में वर्चुअली हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशीहिदे सुगा भी शिरकत करेंगे और रिजनल व ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

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नवंबर 2017 में, भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भारत-प्रशांत में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना की थी। अमेरिका चीन की बढ़ती मुखरता पर नजर रखने के लिए क्वाड बनाने का पक्षधर रहा है। एडमिरल डेविडसन ने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत संबंधों की वर्तमान स्थिति द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को गहरा करने और 21 वीं सदी की 'परिभाषित साझेदारी' के रूप में मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्रस्तुत करती है। (PTI)

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